शत्रु मारण मंत्र के प्राचीन तांत्रिक उपाय - Tantra Mantra

शत्रु मारण मंत्र के प्राचीन तांत्रिक उपाय

शत्रु मारण मंत्र | मारण प्रयोग के लक्षण | हनुमान शत्रु मारण मंत्र | तीव्र मारण प्रयोग | बंगाली मारण प्रयोग
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शत्रु निवारण और उनकी बुरी शक्तियों से बचाव के लिए भारतीय तंत्र और मंत्र साधनाओं में बगलामुखी शत्रु मारण मंत्र विशेष महत्व रखता है। इस लेख में, हम मारण मंत्रों, उनकी विधियों और शत्रु निवारण की प्रक्रिया का गहराई से अध्ययन करेंगे।


1. शत्रु मारण मंत्र का महत्व

शत्रु मारण मंत्र का उद्देश्य किसी व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाओं को समाप्त करना है। ये मंत्र उनकी नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर, जीवन को शांति और संतोष प्रदान करते हैं।


2. प्रमुख शत्रु मारण मंत्रों का विवरण

2.1 बगलामुखी शत्रु मारण मंत्र

बगलामुखी देवी, जिन्हें पीताम्बरा देवी भी कहा जाता है, शत्रुओं का नाश करने के लिए जानी जाती हैं।

मंत्र का उच्चारण विधि

मंत्र:

ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।

लाभ और प्रभाव
  • शत्रु की बुरी शक्तियों का अंत।
  • न्यायिक विवादों में सफलता।
  • जीवन में शांति और समृद्धि का मार्ग।
साधना की प्रक्रिया
  1. पीले वस्त्र पहनें और पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  2. देवी बगलामुखी के चित्र के समक्ष दीपक जलाएं।
  3. मंत्र का 108 बार रुद्राक्ष माला से जाप करें।
  4. इसे 21 दिन तक नियमित करें।

2.2 हनुमान शत्रु मारण मंत्र

हनुमान जी का नाम लेकर किया गया यह मंत्र अत्यंत प्रभावशाली है।

मंत्र:

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय शत्रु नाशाय हुम फट।

लाभ:
  • शत्रुओं से तुरंत राहत।
  • अदृश्य बाधाओं का निवारण।
  • मानसिक शांति।

2.3 महाकाली और महाकाल के मंत्र

महाकाली का सबसे शक्तिशाली मंत्र

महाकाली और महाकाल के शत्रु मारण मंत्र उनकी अघोर शक्तियों से प्रेरित होते हैं।

महाकाली मंत्र:

ॐ क्रीं क्रीं क्रीं कालिकायै नमः।

महाकाल मंत्र:

ॐ नमः शिवाय शत्रुनाशाय।


3. विभिन्न प्रकार के मारण प्रयोग

3.1 तीव्र मारण प्रयोग

यह विधि तत्काल प्रभाव के लिए उपयोग की जाती है।

  • सामग्री: नींबू, काली मिर्च, और रुद्राक्ष।
  • मंत्र: ॐ ह्लीं बगलामुखि शत्रुनाशाय फट।

3.2 बंगाली मारण प्रयोग

 

बंगाली तंत्र साधना की अद्वितीय शैली में किए गए प्रयोग।

  • विशेष ध्यान और साधना की आवश्यकता।

3.3 अघोरी मारण प्रयोग

अघोर तंत्र का यह प्रयोग उग्र साधकों द्वारा किया जाता है।


4. सामान्य और विशेष मारण मंत्र

4.1 नींबू से मारण मंत्र

नींबू से मारण मंत्र

नींबू का प्रयोग शत्रु की बुरी शक्तियों को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
विधि: नींबू को काले धागे से बांधकर मंत्र का जाप करें।

4.2 मुसलमानी मारण मंत्र

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मुसलमानी तंत्र विद्या का यह मंत्र शत्रु निवारण में कारगर है।
मंत्र:

अल्लाह हू अकबर।

4.3 इंद्रजाल शत्रु मारण मंत्र

इंद्रजाल की तंत्र शक्ति का उपयोग।
विधि:

  1. सामग्री: लाल कपड़ा, गुलाब की माला, और धूप।
  2. मंत्र का 108 बार जाप करें।

5. साधक की भूमिका और ध्यान

5.1 मंत्र जप की तकनीक

  • मंत्र जप के लिए सही उच्चारण और समय का ध्यान रखें।
  • दक्षिण दिशा में बैठकर जप करें।

5.2 संकल्प और मनोकामना

साधना के प्रारंभ में अपनी मनोकामना और उद्देश्य को स्पष्ट करें।

5.3 सुरक्षा और आत्म-संवर्धन

साधना करते समय सुरक्षा कवच मंत्र और ध्यान का पालन करें।


निष्कर्ष

बगलामुखी शत्रु मारण मंत्र और अन्य मारण प्रयोग प्राचीन भारतीय तंत्र साधना के महत्वपूर्ण भाग हैं। इन्हें उपयोग करते समय सकारात्मक उद्देश्य और उचित विधि का पालन करना अत्यंत आवश्यक है।

सामान्य प्रश्न (FAQs):

  1. शत्रु मारण मंत्र कितने प्रकार के होते हैं?
    • कई प्रकार के होते हैं, जैसे बगलामुखी, हनुमान, महाकाली आदि।
  2. क्या किसी विशेष समय में मंत्र का जप करना चाहिए?
    • हां, अमावस्या या शनिवार को साधना शुरू करना लाभकारी है।
  3. क्या ये मंत्र मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं?
    • सकारात्मक ऊर्जा के साथ किए गए मंत्र मानसिक शांति प्रदान करते हैं।
  4. सरलतम मारण उपाय क्या है?
    • नींबू और काली मिर्च से किया गया मंत्र जाप।
  5. शत्रु निवारण के लिए कौन सा मंत्र सबसे प्रभावी है?
    • बगलामुखी शत्रु मारण मंत्र।

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