विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र ग्रंथ है जिसमें भगवान विष्णु के 1000 नामों का संकलन है। इन नामों के जप से भक्तों को स्वास्थ्य लाभ, रोगों से मुक्ति, और खतरों से सुरक्षा मिलती है। इस लेख में हम दो विशेष मंत्रों का उल्लेख कर रहे हैं जो रोगमुक्ति और सुरक्षा प्रदान करते हैं।
Table of Contents
Toggleस्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए विष्णु सहस्रनाम मंत्र
1. अच्छे स्वास्थ्य और रोगों से मुक्ति के लिए
इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से रोगों से मुक्ति मिलती है:
“ॐ विश्वं विष्णुर्वषट्कारो भूत भव्य भवत प्रभुः |
भूतकृद्भूतभृद्भावो भूतात्मा भूतभावनः ||”
अर्थ: भगवान विष्णु सम्पूर्ण ब्रह्मांड हैं (विश्वं), समस्त सृष्टि के पालनकर्ता (भूतभृद), और सभी प्राणियों के आत्मस्वरूप हैं (भूतात्मा)।
2. खतरों और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए
इस मंत्र का जाप संकटों, शत्रुओं, और दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए करें:
“अमृतांशूद्भवो भानु शशबिंदुः सुरेश्वरः |
औषधं जगतः सेतु सत्य-धर्म पराक्रमः ||”
अर्थ: भगवान विष्णु अमरत्व के स्वरूप हैं (अमृतांशूद्भवो), जगत के लिए औषधि हैं (औषधं), और सत्य एवं धर्म के रक्षक हैं (सत्य-धर्म पराक्रमः)।
जाप की विधि
- स्वच्छ स्थान पर बैठकर जप करें।
- एक रुद्राक्ष माला का उपयोग करके मंत्र का 108 बार जाप करें।
- भगवान विष्णु, श्रीराम, या श्रीकृष्ण के चित्र के सामने बैठें और तुलसी दल या फूल चढ़ाएं।
यह सरल तरीका आपके समय की बचत करता है और भगवान विष्णु के आशीर्वाद को प्राप्त करने में मदद करता है।
निष्कर्ष
विष्णु सहस्रनाम मंत्र का जाप स्वास्थ्य लाभ, रोगों से मुक्ति और सुरक्षा प्राप्त करने के लिए अत्यंत लाभकारी है। इन मंत्रों का नियमित जाप भक्तों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
भगवान विष्णु के दिव्य नामों का स्मरण करें और जीवन में सुख, शांति, और सुरक्षा प्राप्त करें।