9 प्रभावशाली शरीर रक्षा मंत्र एवं सिद्ध विधि

Tantramantra.in एक विचित्र वेबसाइट है जो की आपके लिए प्राचीन तंत्र मंत्र सिद्धियाँ टोन टोटके पुरे विधि विधान के साथ लाती है. तंत्रमंत्र कहता है सभी तांत्रिक मित्रों को इन कार्यविधियों को गुरु के मध्य नज़र ही करना चाहिये। तथा इन इलमो को केवल अच्छे कार्य में ही इस्तेमाल करना चाहिए, अन्यथा आपको इसके बुरे परिणाम का सामना खुद ही करना होगा ।

निम्न लिखित शरीर रक्षा मंत्र बहुत प्रभावशाली है। कुदरती टोटके जो मनुष्य पढ़कर खुद करेगा उसी का कार्य पूर्ण होगा और जो दूसरे को पढ़कर बतायेगा जिसको बतायेगा उसका कार्य नहीं होगा, जो पढ़ेगा और बिना किसी व्यक्ति को बताये करेगा उसी का कार्य सम्पूर्ण होगा।

शिव रक्षा

विधि –  कहीं पर भी निवास करते समय या सोते समय इस रक्षा मंत्र को पढ़ करके तीन बार ताली बजाने से बाघ, बिजली, सांप तथा चोर से रक्षा हो जाती है

मंत्र
बाघ बिजुली सर्प चोर।
चारिउ बांधौं एक ठौर।
धरती माता। आकाश पिता।
रक्ष रक्ष श्री परमेश्ववी कालिका की वाचा । 
दुहाई महादेव की।

हनुमान रक्षा मंत्र

विधि –  यह रक्षा मंत्र अभी तक तांत्रिकों में पूर्ण सम्मान के साथ प्रयोग किया जा रहा है। इसे तीन बार पढ़ने से पूर्ण सुरक्षा होती है।

मंत्र
ॐ  नमः बज़ का कोठा।
जिसमें पिंड हमारा पेठा।
ईश्वर कुज्जी। ब्रह्म का ताला।
मेरे आठों याम का यती हनुमन्त रखवाला।

राम रक्षा

विधि –  इस रक्षा मंत्र उच्चारण करके अपने चारों तरफ रेखा खींचने से सदैव सुरक्षा होती है।

मंत्र
राम कुण्डली, ब्रह्मचाक।
तेतीस कोटि देवा देवा अमुक की बेड़ियां।
अमुकेर अंकेर बाण काटम्‌।
शर काटम्‌। संधान काटम्‌।
कुज्ञान काटम्‌। कारवणे काटे।
राजा रामचन्द्रेर आज्ञा।
राजा रामचन्द्ररे
ऐई झण्डी अमुकेर अंगे शीघ्र लागूगे।

प्रभावशाली रक्षा

विधि –  इस रक्षा मंत्र के प्रभाव से शरीर की समस्त प्रकार की व्याधियों से रक्षा होती है। ओझाओं के द्वारा मारण कर्म, हांडी, मूठ आदि से पूरी तरह सुरक्षा प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का सात बार जप करके अपने चारों तरफ रेखा खींच लें। लाभ अवश्य मिलेगा।

मंत्र
झाड़ि झाड़ि कापड़ पिन्दि।
वीर मुष्टे बांधि बाल।
बुले एलाम मशान भूम होते भैरव।
कटार हाते। लोहार बाड़ी।
बाम हाते चामदड़ि।
आज्ञा दिल राजा चुड॑हाते।
लोहार किला। मुदगर धिनि। 
विगलि घुंडिकार आज्ञे।
राजा चुडंगर आज्ञे। बिगलि घुंडि। ।

काली रक्षा मंत्र

विधि –  इस रक्षा मंत्र का सात बार जाप करके तीन बार ताली बजाने से सब प्रकार से रक्षा होती है।

मंत्र
ॐ  काली काली महाकाली।
इन्द्र की बेटी, ब्रह्मा की साली।
उड़ बैठी पीपल की डाली।
दोनों हाथ बजावै ताली।
जहां जाये बज्र की ताली।
वहां न आवे दुश्मन हाली।
दुहाई कामरू कामाक्षा नैना योगिनी की।
ईश्वर महादेव गौरा पार्वती की।
दुहाई वीर मसान की।

गुरु गोरखनाथ रक्षा मंत्र

विधि –   यह रक्षा मंत्र भी है और झाड़े का मंत्र भी है। रक्षा करने के लिए इस मंत्र का उच्चारण करके अपनी देह को स्पर्श कर लें। झाड़े के लिए इस मंत्र का जाप करते हुए, यदि रोगी को झाड़ा करें तो रोगी रोग से मुक्ति पा जाता है।

मंत्र
ॐ  नमो धरती माता, धरती पिता।
धरती धरै न धीर।
बाजै सिंगी। बाजै तरतरी।
आया गोरखनाथ। मीन का पूत।
मंजू का छड़ा। लोहे का कड़ा।
हमारी पीठ पीछे यती हनुमान खड़ा।
शब्द सांचा। फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा।

कालिका रक्षा मंत्र

विधि –  यह रक्षा मंत्र अपने आप में अनेक रहस्य समेटे हुए है। यहां पर केवल रक्षा विधान ही बता रहे हैं। इस मंत्र का जप करते हुए झाड़ा करने से सभी समस्याओं का हल हो जाता है। इसका स्तोत्र निवेदन की भांति भी पाठ करते हैं। इसका उच्चारण करके अपनी छाती पर फूंक मारने से सभी ओर से रक्षा होती है।

मंत्र
कालिका खड़ग खप्पर लिये ठाढ़ी 
जोत तेरी है निगली। 
पीती भर भर रक्त पियाली।
कर भक्तों की रखवाली।
न कर रक्षा तो महाबली भैरव की दुहाई।

नरसिंह रक्षा मंत्र

विधि –  इस रक्षा मंत्र को जपकर देह के ऊपर फूंक मारने से देह रक्षा होती है।

मंत्र
वज्र वज्री वज़ किवाड़। वज्री से बांधा दशोद्वारा।
जो घात घाले। उलट बेद वाही को खात।
पहली चौकी गणपति की| दूजी चौकी हनुमन्त की।
तीजी चौकी भैरव की। चौथी चौकी, राम रक्षा करने को।
श्री नरसिंह देव जी आएं। शब्द सांचा। पिण्ड कांचा।
फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।
सत्य नाम आदेश गुरु को।

इस्लामी रक्षा

विधि – एक धागा लेकर उसके ऊपर सात गांठें लगाएं। प्रत्येक गांठ पर इस मंत्र का जाप करके फुख मारे और उस धागे को रोगी को धारण करवाएं तो प्रत्येक बाधा का शमन हो जाएगा। इसे पहने रहने से सर्वत्र रक्षा होती है|

मंत्र
आय तुल कुरसी, विच फुरआन।
आगे पीछे तू रहमान।
लाइल्‍लाह का कोट, इल्ललाह की खाई।
मोहम्मद रसूलिल्लाह की दुहाई।
नजर को बांधूं। डाकन को बांधूं।
भूत को बांधूं। योगिनी डेरा सब बला को बांधूं।
ब हक्‍क या बुददृह। मदद मेरे पीर की।
शब्द सांचा। पिण्ड कांचा।
फुरो मंत्र ईश्वरो बाचा।

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