काल भैरव संपूर्ण पूजा विधि | काल भैरव की पूजा कैसे करें | Kal Bhairav Puja Vidhi - Tantra Mantra

काल भैरव संपूर्ण पूजा विधि | काल भैरव की पूजा कैसे करें | Kal Bhairav Puja Vidhi

काल भैरव सिद्धि मंत्र | काल भैरव संपूर्ण पूजा विधि | काल भैरव की पूजा कैसे करें | Kal Bhairav Worship Guide | काल भैरव जयंती 2024
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काल भैरव संपूर्ण पूजा विधि | काल भैरव की पूजा कैसे करें | Kal Bhairav Puja Vidhi

काल भैरव कौन हैं?

काल भैरव (Kal Bhairav) को शिवजी का उग्र रूप माना जाता है, जो समय और मृत्यु के देवता हैं। काल भैरव की पूजा करने से साधक को भय, दुश्मनों, और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है। साथ ही, उनकी कृपा से जीवन में शांति और समृद्धि का अनुभव होता है।

काल भैरव की पूजा तंत्र साधना में अत्यधिक महत्वपूर्ण है और इसे शुभ परिणामों के लिए विशेष विधि से किया जाता है।


काल भैरव की पूजा का महत्व

काल भैरव की पूजा (Kal Bhairav Puja) करने से साधक को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

  • जीवन की बाधाओं और शत्रुओं से मुक्ति
  • नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से सुरक्षा
  • मानसिक शांति और साहस की प्राप्ति
  • वित्तीय समस्याओं का समाधान

काल भैरव संपूर्ण पूजा विधि | Kal Bhairav Puja Vidhi

काल भैरव की पूजा विधि विशेष और नियमबद्ध होती है। इसे सही ढंग से करने से भगवान काल भैरव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। यहां हम काल भैरव की पूजा के संपूर्ण विधि के बारे में बता रहे हैं:

1. पूजा का समय और दिन

  • काल भैरव अष्टमी और रवि वार काल भैरव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं।
  • पूजा का समय रात्रि का पहला पहर (8 बजे से 11 बजे तक) सबसे उत्तम माना जाता है।

2. पूजन सामग्री

  • धूप, दीप, काले तिल, काले वस्त्र, भैरव प्रतिमा या चित्र
  • सरसों का तेल, शराब (कुछ विशेष तांत्रिक पूजा में), काले तिल, नारियल
  • भैरव को अर्पण के लिए काली उड़द, फूल, और मिठाई

3. पूजा स्थल और दिशा

  • पूजा के लिए उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। अगर संभव हो, तो भैरव मंदिर में जाकर पूजा करें। घर पर करने के लिए पूजा स्थान को स्वच्छ और शांत रखें।

4. पूजा विधि

  • स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थल पर काल भैरव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  • सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें और धूप जलाएं।
  • काले तिल और काले उड़द चढ़ाएं।
  • निम्न मंत्रों का जाप करें:

मंत्र:
“ॐ कालभैरवाय नमः”
“ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रीं ॐ स्वाहा।”

5. भोग अर्पण

  • भगवान काल भैरव को शराब, काले तिल, और नारियल का भोग लगाएं। तांत्रिक पूजा में शराब का भोग महत्वपूर्ण है, हालांकि इसे आप अनदेखा कर सकते हैं।

6. विशेष ध्यान

  • भैरव पूजा में कुत्तों को भोजन कराने का विशेष महत्व है। काले कुत्तों को भोजन कराएं और उनकी सेवा करें। माना जाता है कि इससे काल भैरव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

काल भैरव की पूजा कैसे करें: मंत्र जाप की विधि

काल भैरव की पूजा में मंत्र जाप का विशेष महत्व है। पूजा के दौरान निम्न मंत्रों का जाप करना चाहिए:

मुख्य मंत्र:
“ॐ कालभैरवाय नमः।”

  • इस मंत्र का जाप 108 बार करें। यह मंत्र साधक के भीतर साहस और शक्ति का संचार करता है।
  • मंत्र जाप के दौरान भगवान भैरव का ध्यान करें और उनसे अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने की प्रार्थना करें।

काल भैरव व्रत और उपवास

काल भैरव की कृपा पाने के लिए भक्त उपवास भी रखते हैं। काल भैरव अष्टमी पर उपवास रखने से विशेष फल मिलता है। व्रत रखने वाले व्यक्ति को इस दिन काले वस्त्र पहनने चाहिए और रात में काल भैरव की आराधना करनी चाहिए।


काल भैरव पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

  • नियमितता: पूजा को नियमित रूप से करें और अगर संभव हो तो इसे एक निश्चित दिन या समय पर करें।
  • श्रद्धा और आस्था: भैरव पूजा में सबसे महत्वपूर्ण है साधक की श्रद्धा और आस्था।
  • साफ-सफाई: पूजा स्थल और अपने मन की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।

निष्कर्ष

काल भैरव संपूर्ण पूजा विधि एक शक्तिशाली साधना है जो साधक को भय, शत्रुओं, और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव प्रदान करती है। भगवान काल भैरव की पूजा सही विधि से करने पर साधक को सफलता, समृद्धि, और आंतरिक शक्ति प्राप्त होती है। यह पूजा तांत्रिक साधना के प्रमुख अंगों में से एक मानी जाती है और विशेषकर उन लोगों के लिए है, जो जीवन में आने वाली कठिनाइयों से मुक्ति चाहते हैं।


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