2 Best हनुमान मंत्र | हनुमान रक्षा मंत्र | हनुमान बीज मंत्र - Tantra Mantra

2 Best हनुमान मंत्र | हनुमान रक्षा मंत्र | हनुमान बीज मंत्र

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समस्याओं का तांत्रिक समाधान, विश्वास के साथ

निम्न लिखित हनुमान मंत्र | हनुमान रक्षा मंत्र | हनुमान बीज मंत्र बहुत प्रभावशाली है। Tantramantra.in एक विचित्र वेबसाइट है जो की आपके लिए प्राचीन तंत्र मंत्र सिद्धियाँ टोन टोटके पुरे विधि विधान के साथ लाती है. TantraMantra.in कहता है सभी तांत्रिक मित्रों को इन कार्यविधियों को गुरु के मध्य नज़र ही करना चाहिये। तथा इन इलमो को केवल अच्छे कार्य में ही इस्तेमाल करना चाहिए, अन्यथा आपको इसके बुरे परिणाम का सामना खुद ही करना होगा ।

भगवान हनुमान, जिन्हें बल, भक्ति, और समर्पण का प्रतीक माना जाता है, की पूजा हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है। हनुमान जी की आराधना से भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। इस लेख में हम दो सर्वश्रेष्ठ हनुमान मंत्रों के बारे में जानेंगे जो रक्षा और शक्ति प्रदान करते हैं: हनुमान रक्षा मंत्र और हनुमान बीज मंत्र।

हनुमान रक्षा मंत्र

हनुमान रक्षा मंत्र, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, सुरक्षा और बुराई से रक्षा करने के लिए जाप किया जाता है। इस मंत्र का उच्चारण करते हुए व्यक्ति भगवान हनुमान से सुरक्षा की प्रार्थना करता है।

ॐ ऐं भ्रीम हनुमते, श्री राम दूताय नमः।

लाभ:

  • बुरी शक्तियों से रक्षा: इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से बचाव मिलता है।
  • मानसिक शांति: हनुमान रक्षा मंत्र का नियमित जाप मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है।
  • संकटों का निवारण: यह मंत्र जीवन के संकटों और परेशानियों को दूर करने में मदद करता है।
  • साहस और आत्मविश्वास: इस मंत्र के जाप से व्यक्ति में साहस और आत्मविश्वास का संचार होता है।

हनुमान बीज मंत्र

हनुमान बीज मंत्र अत्यधिक शक्तिशाली और प्रभावशाली है। यह मंत्र भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने का सबसे सीधा माध्यम है। बीज मंत्र छोटे और संक्षिप्त होते हैं, लेकिन इनमें बहुत अधिक शक्ति और ऊर्जा होती है।

ॐ हं हनुमते नमः।

लाभ:

  • शक्ति और ऊर्जा: हनुमान बीज मंत्र का जाप करने से व्यक्ति में शारीरिक और मानसिक शक्ति का संचार होता है।
  • आध्यात्मिक जागरूकता: यह मंत्र व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति में सहायता करता है।
  • आत्मबल और साहस: इस मंत्र का नियमित जाप आत्मबल और साहस को बढ़ाता है।
  • समस्त बाधाओं का निवारण: हनुमान बीज मंत्र सभी प्रकार की बाधाओं और रुकावटों को दूर करता है।

मंत्र जाप के लाभ

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: हनुमान मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है।

आध्यात्मिक विकास: हनुमान मंत्रों का जाप व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति में सहायता करता है और आत्मज्ञान की प्राप्ति में मदद करता है।

संकटमोचन: भगवान हनुमान को संकटमोचन कहा जाता है, और उनके मंत्रों का जाप करने से जीवन के सभी संकटों का निवारण होता है।

सकारात्मक ऊर्जा: हनुमान मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो नकारात्मकता को दूर करता है।

निष्कर्ष

हनुमान रक्षा मंत्र और हनुमान बीज मंत्र अत्यधिक शक्तिशाली और प्रभावशाली हैं। इन मंत्रों का नियमित जाप व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है। भगवान हनुमान की कृपा से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, शांति, और सफलता का आगमन होता है। इन मंत्रों का सही विधि से जाप करने से सभी प्रकार की बाधाओं और संकटों का निवारण होता है।

प्रश्न और उत्तर

प्रश्न: हनुमान रक्षा मंत्र का क्या लाभ है? उत्तर: हनुमान रक्षा मंत्र का जाप करने से बुरी शक्तियों से रक्षा, मानसिक शांति, संकटों का निवारण, और साहस व आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

प्रश्न: हनुमान बीज मंत्र क्या है और इसका क्या लाभ है? उत्तर: हनुमान बीज मंत्र “ॐ हं हनुमते नमः” है। इस मंत्र का जाप करने से शक्ति और ऊर्जा, आध्यात्मिक जागरूकता, आत्मबल और साहस, और समस्त बाधाओं का निवारण होता है।

प्रश्न: हनुमान मंत्रों का जाप कब और कैसे करना चाहिए? उत्तर: हनुमान मंत्रों का जाप प्रातः काल या संध्या समय में शुद्ध और शांत स्थान पर बैठकर करना चाहिए। जाप के समय ध्यान भगवान हनुमान पर केंद्रित रखना चाहिए।

भगवान हनुमान की कृपा से हम सबका जीवन सुखद और समृद्ध हो!

निम्नलिखित तंत्र मंत्र प्राचीन तंत्र मंत्र साहित्यो से लिए गए हैं! जैसे इंद्रजाल, लाल किताब, शाबर मंत्र संग्रह इत्यादि|

हनुमान बीज मंत्र

वैदिक विज्ञान में अनेक प्रकार के मंत्र हैं और बीज मंत्र उनमें से एक है। प्रत्येक देवता का एक विशेष बीज मंत्र होता है, अधिकतर कुछ बीज मंत्र एक शब्द तक सीमित होते है । उदाहरण के लिए, “ओम” एक शब्द का बीज मंत्र है। यदि आप विश्वास के साथ ध्यान केंद्रित करने में सक्षम हैं, तो बीज मंत्र एक बहुत शक्तिशाली स्रोत हैं जो आपके जीवन की अलग – अलग समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। हिंदू परंपरा के अनुसार, हनुमान जी का बीज मंत्र का जाप आप पर हनुमान की कृपा प्राप्त करने का एक शक्तिशाली तरीका है।

मंत्र

हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्‌ ।

  • हनुमान बीज मंत्र का जाप करने का सर्वोत्तम समय –  सूर्योदय के दौरान
  • इस मंत्र का जाप करने की संख्या – 108 
  • हनुमान बीज मंत्र का जाप कौन कर सकता है? – कोई भी 
  • इस मंत्र का जाप मुख करके करें – पूर्व

हनुमान बीज मंत्र का जाप करने से लाभ

  • हनुमान बीज मंत्र का जाप भगवान को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा और शक्तिशाली तरीका है।
  • हनुमान बीज मंत्र का जाप आपकी एकाग्रता शक्ति को बढ़ाता है और आपको सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।
  • यह शनि साढ़े साती के हानिकारक प्रभावों से लड़ने में भी मदद करता है।
  • बीज मंत्र शारीरिक शक्ति और सहनशक्ति प्राप्त करने में मदद करता है।
  • माना जाता है कि हनुमान बीज मंत्र भूतों और आत्माओं को दूर करता है और बुखार और मिर्गी जैसी बीमारियों को दूर करता है।
  • बीज मंत्र का जाप करके भगवान हनुमान को प्रसन्न करने से व्यक्ति को साहस और आत्मविश्वास का आशीर्वाद मिलता है।

हनुमान मंत्र: बुरे शक्तिया और शनि के बुरे दोष से कैसे मदद करते हैं?

आप अलौकिक शक्तियों पर विश्वास करें या न करें, लेकिन ऐसी मान्यता है कि नियमित रूप से हनुमान मंत्र का जाप करने वाले व्यक्ति को भूत, प्रेत या किसी भी प्रकार की बुरी आत्माएं कभी परेशान नहीं करती हैं। हनुमान मंत्र का जाप करने वाले व्यक्ति को असीमित ऊर्जा और शक्ति से भर देता है। साथ ही नियमित रूप से हनुमान मंत्र का पाठ करने से आपको शनि या साढ़े साती के बुरे प्रभाव से मुक्ति मिलती है   

हनुमान रक्षा मंत्र 

विधि –  यह मंत्र अभी तक तांत्रिकों में पूर्ण सम्मान के साथ प्रयोग किया जा रहा है। इसे तीन बार पढ़ने से पूर्ण सुरक्षा होती है।

मंत्र –  
ॐ  नमः बज़ का कोठा।
जिसमें पिंड हमारा पेठा।
ईश्वर कुज्जी। ब्रह्म का ताला।
मेरे आठों याम का यती हनुमन्त रखवाला।

अन्य जानकारी

हनुमान जी का जन्म

वायु देव की विमल कृपा से अंजना गर्भवती हुई और एक गुफा में श्री हनुमान जी को जन्म दिया। कल्प भेद से कुछ लोक कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को भी हनुमान जी का अवतरण मानतें हैं । परन्तु बाल्मीकि रामायण, अध्यात्म रामायण आदि ग्रंथों में लिखा है कि भगवान शिव के ग्यारहवें अवतार 58 हजार 112 वर्ष पहले त्रेतायुग के अन्तिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न के योग में सुबह 6.03 बजे (विकिपीडिया के अनुसार)  पृथ्वी पर हनुमान जी का जन्म हुआ!

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