विष्णु मंत्र | भगवान विष्णु मंत्र और लाभ Updated - Tantra Mantra

विष्णु मंत्र | भगवान विष्णु मंत्र और लाभ Updated

विष्णु मंत्र | भगवान विष्णु मंत्र और लाभ
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निम्न लिखित विष्णु मंत्र बहुत प्रभावशाली है। Tantramantra.in एक विचित्र वेबसाइट है जो की आपके लिए प्राचीन तंत्र मंत्र सिद्धियाँ टोन टोटके पुरे विधि विधान के साथ लाती है. TantraMantra.in कहता है सभी तांत्रिक मित्रों को इन कार्यविधियों को गुरु के मध्य नज़र ही करना चाहिये। तथा इन इलमो को केवल अच्छे कार्य में ही इस्तेमाल करना चाहिए, अन्यथा आपको इसके बुरे परिणाम का सामना खुद ही करना होगा ।

भगवान विष्णु हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं, जिन्हें सृष्टि के पालनहार के रूप में पूजा जाता है। उनकी पूजा-अर्चना में विष्णु मंत्रों का अत्यंत महत्व है। विष्णु मंत्रों के जाप से भक्तों को मानसिक शांति, समृद्धि, और आध्यात्मिक उत्थान प्राप्त होता है। इस ब्लॉग में, हम भगवान विष्णु के महत्वपूर्ण मंत्रों और उनके लाभों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

भगवान विष्णु मंत्र

1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय (Om Namo Bhagavate Vasudevaya)

यह विष्णु का एक बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है। इस मंत्र का जाप व्यक्ति को भगवान विष्णु के निकट लाता है और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।

लाभ:

  • मानसिक शांति और संतुलन
  • बुरे कर्मों से मुक्ति
  • आध्यात्मिक जागरूकता में वृद्धि

2. ॐ विष्णवे नमः (Om Vishnave Namah)

यह मंत्र भगवान विष्णु के प्रति श्रद्धा और भक्ति प्रकट करता है। इसका नियमित जाप भक्त को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।

लाभ:

  • नकारात्मक ऊर्जा से बचाव
  • जीवन में समृद्धि और सफलता
  • स्वास्थ्य में सुधार

3. श्री विष्णु सहस्रनाम (Shri Vishnu Sahasranama)

विष्णु सहस्रनाम भगवान विष्णु के हजार नामों का संकलन है। इसका पाठ व्यक्ति को अनेक लाभ प्रदान करता है और भगवान विष्णु की कृपा सदा बनी रहती है।

लाभ:

  • सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण
  • आत्मविश्वास में वृद्धि
  • परिवार में शांति और सद्भाव

4. ॐ नमो नारायणाय (Om Namo Narayanaya)

यह मंत्र भगवान विष्णु के एक अन्य नाम नारायण को समर्पित है। इस मंत्र का जाप भक्त को दिव्य ऊर्जा और आशीर्वाद प्रदान करता है।

लाभ:

  • आध्यात्मिक उन्नति
  • सकारात्मकता और खुशहाली
  • सभी कार्यों में सफलता

विष्णु मंत्र जाप के लाभ

मानसिक शांति: विष्णु मंत्रों का जाप करने से मन को शांति और संतुलन प्राप्त होता है। यह तनाव और चिंता को दूर करता है और मन को स्थिर करता है।

आध्यात्मिक उन्नति: विष्णु मंत्रों के नियमित जाप से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह आत्मज्ञान और आत्म-साक्षात्कार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

स्वास्थ्य में सुधार: विष्णु मंत्रों का प्रभाव व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और रोगों से बचाव करता है।

सकारात्मक ऊर्जा: विष्णु मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। यह नकारात्मकता को दूर करता है और सकारात्मकता को बढ़ावा देता है।

समृद्धि और सफलता: भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। विष्णु मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के सभी कार्य सफल होते हैं और जीवन में उन्नति होती है।

निष्कर्ष

भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक, और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है। यह मंत्र भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का माध्यम है और जीवन में शांति, समृद्धि, और सफलता लाता है। नियमित रूप से विष्णु मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर होती हैं और वह एक सुखद और समृद्ध जीवन व्यतीत करता है। भगवान विष्णु की कृपा हम सब पर बनी रहे।

प्रश्न और उत्तर

प्रश्न: विष्णु मंत्र का जाप कैसे करना चाहिए? उत्तर: विष्णु मंत्र का जाप प्रातः काल या संध्या समय में, शुद्ध और शांत स्थान पर बैठकर करना चाहिए। जाप के समय ध्यान भगवान विष्णु पर केंद्रित रखना चाहिए।

प्रश्न: विष्णु मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए? उत्तर: विष्णु मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। इसके लिए माला का उपयोग किया जा सकता है।

प्रश्न: क्या विष्णु मंत्र का जाप विशेष अवसरों पर ही करना चाहिए? उत्तर: विष्णु मंत्र का जाप किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन विशेष अवसरों जैसे एकादशी, जन्माष्टमी, और विष्णु पूजा के दिनों में इसका विशेष महत्व है।

प्रश्न: विष्णु सहस्रनाम का पाठ कैसे करना चाहिए? उत्तर: विष्णु सहस्रनाम का पाठ एकाग्रचित होकर करना चाहिए। इसे किसी गुरु या विद्वान से सीखकर करना उचित होता है। इसका पाठ प्रातः काल या संध्या समय में करना चाहिए।

भगवान विष्णु की कृपा से हम सबका जीवन सुखद और समृद्ध हो!

निम्नलिखित तंत्र मंत्र प्राचीन तंत्र मंत्र साहित्यो से लिए गए हैं! जैसे इंद्रजाल, लाल किताब, शाबर मंत्र संग्रह इत्यादि |

हम आज आपको भगवान श्री हरि नारायण की एक साधना बताएंगे 21 दिनों की और इस साधना को करने के बाद आपको भगवान श्री हरि के दर्शन प्राप्त होंगे, 

किस किस रूप में भगवान विष्णु दर्शन देते है।

भगवान श्री हरि के दर्शन आपको स्वप्न में प्राप्त हो सकते हैं और किसी संकेत रूप से भी उनके दर्शन आपको प्राप्त हो सकते हैं, उनकी शक्ति का आभास भी आपको हो सकता है, उनकी शक्ति का स्पर्श भी आपको हो सकता है या फिर उनकी शक्ति किसी प्रकाश पुंज के रूप में भी आपको दिखाई दे सकती है या फिर उनकी शक्ति आपको किसी बिंब के रूप में दिखाई दे सकती है किसी ऊर्जा के रूप में दिखाई दे सकती है किसी गोलाकार आकृति के रूप में दिखाई दे सकती है भगवान सूर्य नारायण के रूप में उनकी शक्ति आपको दिखाई दे सकती है

लेकिन आप अगर यह सोचो कि हमें एकदम साक्षात रूप से भगवान के दर्शन हो जाएं तो इसके लिए आपको भारी तपस्या करना पड़ेगी, इसके लिए कठिन तपस्या करनी पड़ती है, बहुत ही ज्यादा परिश्रम करना पड़ता है, तब जाकर के भगवान के साक्षात दर्शन प्राप्त होते हैं, लेकिन हां इतना जरूर है कि अगर आप कोई साधना सच्चे मन से करते हैं और पूरे भक्ति भाव से करते हैं और मेहनत के साथ में साधना करते हैं, पूरे दिन रात एक करके भगवान की भक्ति में लीन रहते हैं तो निश्चित रूप से भगवान के दर्शन बड़े ही सरल हो जाते हैं

किसी भी भक्त के लिए तो इसमें भी आपको दर्शन होंगे भगवान के किसी ना किसी स्वरूप में उनके दर्शन हो ही जाएंगे, उनकी शक्ति का आभास हो जाएगा, किसी भी रूप में वह आपको दर्शन दे सकते हैं, उनकी इच्छा के ऊपर निर्भर करता है,आपकी साधना पे, आपकी सेवा पे और भगवान की इच्छा पर निर्भर करता है कि आपको दर्शन किस प्रकार से उनके प्राप्त होंगे साधना की शुरुआत करते हैं,

भगवान विष्णु जी की साधना का उचित समय और दिन। 

इस साधना को शुक्ल पक्ष में आपको शुरू करना है, ठीक है, शुक्ल पक्ष में आप यह साधना शुक्ल पक्ष के बृहस्पति वार से शुरू कर सकते हो या फिर पूर्णिमा तिथि से आप यह साधना शुरू कर सकते हो या फिर शुक्ल पक्ष की एकादशी से भी आप यह साधना शुरू कर सकते हो साधना प्रातः काल की साधना है और इस साधना को आप ब्रह्म मुहूरत से लेकर के सुबह के 8 9 बजे तक भी आप यह साधना कर सकते हो 10 11 12 बजे तक भी आप यह साधना कर सकते हो अपनी ठीक है लेकिन 12:1 बजे के बाद में आपको यह साधना नहीं करनी है

आप यह साधना 12 बजे से पहले पहले कर लेंगे 12 या 1 बजे से पहले पहले या फिर आप शाम के वक्त साधना करेंगे 4 बजे के बाद से लेकर के सूर्यास्त होने तक 7-8 बजे तक भी आप यह साधना कर सकते हैं भगवान की लेकिन रात्रि काल में आप यह साधना नहीं करेंगे कि आप इसको 12 बजे कर रहे हो 11 बजे कर रहे हो नहीं रात्रि काल में ज्यादातर तामसिक साधनाएं करी जाती हैं और जो ऐसी होती है साधनाएं तांसिक साधनाएं होती है यक्षनी योगिनी और माता काली की भैरव जी की यह सभी साधनाएं रात्रि काल में करी जाती तांत्रिक साधनाएं रात्रि काल में करी जाती है

भगवान विष्णु की सात्विक साधनाएं होती है दक्षिण मार्ग की साधनाएं होती है तो यह आप 8 9 बजे तक कर सकते हो लास्ट ठीक है तो साधना शुरू साधना के जब आप साधना पर बैठोगे तो आपका मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए या फिर पश्चिम दिशा में होना चाहिए अगर आप सुबह के वक्त साधना कर रहे हैं तो पूर्व दिशा की ओर आपका मुंह होगा, अगर शाम के वक्त कर रहे हैं तो पश्चिम दिशा की ओर होगा, इसके अलावा आप उत्तर दिशा की ओर मुंह करके भी बैठ सकते हैं, ईशान कोण की तरफ भी बैठ सकते हैं, 

भगवान विष्णु जी की साधना और विधि।

इसमें आपको सर्वप्रथम क्या करना है, भगवान विष्णु की स्तुति करनी है, उसके लिए आप विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ कर सकते हैं या फिर विष्णु चालीसा का पाठ कर सकते हैं या फिर नारायण कवच का पाठ कर सकते हैं भगवान विष्णु के 108 नाम पर सकते हैं, अच्छुताष्टकम आप पढ़ सकते हैं, गोविंदाष्टकम आप दीपक आपको जला देना है, धूप बत्ती जला देनी है, एक जल पढ़ सकते हैं, भगवान विष्णु का कोई भी श्लोक पढ़ सकते हैं, उनकी स्तुति आपको करनी है सर्वप्रथम, उसके बाद में देसी घी का लोटा रख देना है,

भगवान विष्णु के समक्ष, थोड़ा सा गंगाजल डाल कर के और एक तुलसी का पत्ता उसमें आपको डाल देना है, इसके बाद में जो भी प्रसाद आपके पास उपस्थित है भगवान विष्णु को चढ़ाने के लिए अगर कुछ भी नहीं है तो माखन मिश्री का भोग आप भगवान को लगा सकते हैं, इसके बाद में आपको क्या करना है भगवान गणेश को प्रणाम कर लेना है उसके भगवान गणेश को प्रणाम करने के बाद भगवान शिव को प्रणाम कर लेना है उसके बाद में भगवान विष्णु का जो मैं मंत्र आपको बता इस मंत्र की आपको 31 मालाएं करनी है ठीक है इस मंत्र की आपको 31 मालाएं प्रतिदिन करनी है 21 दिनों तक तो मंत्र इस प्रकार है

मंत्र

ओम नमो नारायणाय ओम नमो नारायणाय ओम नमो नारायणाय

यह मंत्र है भगवान श्री हरि नारायण का भगवान श्री हरि विष्णु का इस मंत्र की 31 माला आपको प्रतिदिन करनी है तुलसी की माला से या फिर कमलगट्टे की माला से ठीक है और प्रतिदिन करनी है, जब आप मंत्र का जप कर लेंगे तो आप अपने सारा जप भगवान विष्णु को अर्पित कर देंगे, भगवान विष्णु के मंत्र के साथ में आप एक माला माता लक्ष्मी की भी कर सकते हैं, अगर आप ऐसा करेंगे तो अति उत्तम है, नहीं तो कोई ऐसी आवश्यकता वाली बात भी नहीं है और कोई ऐसा जरूरी भी नहीं है, सिर्फ और सिर्फ भगवान विष्णु के मंत्र की माला करने से ही आपको उनके दर्शन हो जाएंगे, 

माता लक्ष्मी तो वैसे भी वहां चली जाती है जहां पर भगवान विष्णु जाते हैं लेकिन भगवान लेकिन माता लक्ष्मी जहां पर होती है वहां पर भगवान विष्णु अपने आप नहीं आते जब तक कि उनका आवाहन ना किया जाए लेकिन माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी है उनकी अर्धांगिनी है तो भगवान विष्णु के साथ में माता लक्ष्मी की भी आराधना करी जाती है क्योंकि यह उनकी शक्ति है तो माता लक्ष्मी की भी अगर आप एक माला कर लोगे तो बहुत ही अच्छा रहेगा, आपकी साधना डबल हो जाएगी और 31 माला भगवान विष्णु की करना, आपको जरूर भगवान विष्णु के दर्शन प्राप्त होंगे , 

साधना के समय याद रखने योगया बाते |

इसमें बस आपको 21 दिनों के लिए ब्रह्मचर्य का पालन आपको करना पड़ेगा और 21 दिनों के लिए आपको प्याज लहसुन का भी परहेज करना पड़ेगा ठीक है 21 दिनों तक आपको प्याज लहसुन का सेवन नहीं करना है मास मदिरा यह सब तो बहुत दूर की बात है तो बिल्कुल सात्विक साधना है ब्रह्मचर्य का ब्रह्मचर्य को धारण करके और प्याज लहसुन का त्याग करके आप यह साधना करिए और हो सके तो बाहर की चीजें भी आप अवॉइड करिए इस साधना में।

भगवान विष्णु मंत्र और लाभ

पौराणिक शास्त्रों और विद्वानों के अनुसार यदि नियंतर रूप से श्री हरि विष्णु के मंत्रों का जाप करने से पापों का नष्ट होता हैं, और जीवन में काफी फलदायी भी होते हैं।। यहां हम श्री हरि विष्णु के कुछ बेहद खास और प्रमुख मंत्रों, उनके अर्थ एवं उनसे होने वाले लाभ के बारे बता रहे हैं। पढ़ें श्री विष्णु के मंत्र

विष्णु बीज मंत्र

ओं नमो नारायणाय ।

  • इस मंत्र से जातक का मन शांत होता है और मन में दया की भावना जागृत होती है और दुसरो के प्रति प्रेम की भावना जगती है 
  • मंत्र के नियंतर जप से पारवारिक कलेश दूर हो जाता है 
  • इस मंत्र के नियंतर जप से घर में सुख शांति और समृद्धि आती है।
  • इस मंत्र के नियंतर जाप से मनुष्य जीवन में हर सफलता को आसानी से प्राप्त करता है।
  • इस मंत्र के जाप से आर्थिक सम

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  1. शक्तिशाली दुर्गा मंत्र
  2. गणेश मंत्र
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