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लक्ष्मी जी की कुछ ऐसी संक्षिप्त, महत्वपूर्ण, शास्त्रोक्त, अद्भु त, अलौकिक और चमत्कारिक फल देने वाली कुछ साधनाएं जो हमारे द्वारा भी अनुभवित है।
लक्ष्मी माता साधना – 1
सबसे पहली साधना जो है वो है उत्तरा शाडा नक्षत्र में या उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में या उत्तरा भाद्रपदा नक्षत्र में, ध्यान से सुनिएगा, यह जो तीन नक्षत्र है इन तीनों में से किसी भी एक नक्षत्र में 1000 नामों से मां लक्ष्मी के उन नामों में आप लक्ष्मी सहस्त्र नामावली का प्रयोग कर सकते हैं आप केवल श्रीम श्रीम श्रीम स्वाहा मतलब यज्ञ करना है श्रीम स्वाहा श्रीम स्वाहा करके एक हजार इसकी आहुति भी दे सकते हैं।
तो तीनों में से कोई एक नक्षत्र में आप एक संकल्प ले लीजिए कि 12 महीने तक हर महीने में यह यज्ञ करूंगा या करूंगी या फिर किसी विद्वान से अपने लिए अपने परिवार के लिए आप करवाएंगे यह है पहली साधना आपको इसमें गौ माता के घी से आहुति दे या जो रेडीमेड है या जैसे जॉ है तिल है या फिर कुछ ना मिले तो केवल गौ माता के घी से भी यह आहुति दे सकते हैं 1000 बार।
लक्ष्मी माता साधना – 2
दूसरी जो साधना है प्रति शुक्रवार खास करके जिन लोगों के घर में श्री यंत्र है, चाहे वो कुर्म पृष्ठ हो, चाहे वो भ्रू पृष्ठ हो, चाहे वो मेरु पृष्ठ हो, चाहे वो किसी भी प्रकार का कोई भी श्री यंत्र है, उन श्री यंत्र के ऊपर प्रति शुक्रवार सुगंधित पुष्प अर्पित कीजिए और सुगंधित पुष्प जब अर्पित करते हैं तो आप ललिता सहस्त्र नामावली का प्रयोग कर सकते हैं, जैसे ललिता सहस्त्र नामावली का एक-एक श्लोक बोल के फिर आपने वह पुष्प अर्पित किए,
आप चाहो तो प्रति शुक्रवार पुष्प के साथ बिलव भी श्री यंत्र के ऊपर अर्पित कर सकते हो, कुछ भी बोल के, कुछ भी मतलब मान लीजिए कि सहस्त्रार्चन ना करके भी केवल सुगंधित पुष्प भी अर्पित करोगे श्री यंत्र के ऊपर प्रति शुक्रवार तो भी मां लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त होगी।
लक्ष्मी माता साधना – 3
तीसरी साधना है जो शायद असंभव है आज के जमाने में और वह है प्रति महीने की शुक्ल पंचमी को श्री यंत्र के ऊपर या महालक्ष्मी के ऊपर वैसे लिखा है श्वेत कमल अर्पित करना लेकिन चलो ठीक है श्वेत कमल तो बहुत सद्भाग्य होते हैं तब जाकर किसी को प्राप्त होता है अगर श्वेत कमल नहीं मिलता है गुलाबी रंग का जो कमल जो मिलता है सामान्य रूप से उसी कमल को हर महीने की शुक्ल पंचमी को केवल एक कमल भी अगर आप चढ़ाओगे तो भी मां लक्ष्मी जी की पूर्ण कृपा प्राप्त होगी।
लक्ष्मी माता साधना- 4
अब इसके अलावा और एक साधना है जो है हर पूर्णिमा की जो बेलफल होते हैं हर पूर्णिमा को मधु युक्त बेलफल अर्थात शहद के साथ जो बेल फल होते हैं, जो बेल फल होते हैं, उसको थोड़ा तोड़ के, उसको थोड़ा क्रश करके उसमें थोड़ा सा शहद डाल के फिर जैसे श्रीम स्वाहा बोल के या फिर ओम महालक्ष्मी नमः स्वाहा या फिर लक्ष्मी सहस्त्र के एक-एक नामों से भी आप अर्पित कर सकते हो फिर जो शहद के साथ बेलफल मिक्स किया है उसकी आहुति देना।
महालक्ष्म्या मंत्र (लक्ष्मी मंत्र)
मंत्र –
ऐं ह्लीं क्लीं हसौं क्लीं हसौं जगत्प्रसूत्यै नम:
इन साधनो के लाभ क्या-क्या है।
अपार धन की प्राप्ति होगी, व्यापार में दिक्कत हो रही है तो व्यापार भी अच्छा चलेगा, किसी भी प्रकार से लक्ष्मी का बंधन हुआ है तो लक्ष्मी से जो बंधन किया गया है या हुआ है वह मुक्त होकर या तो हर उत्तरा भाद्र पदा या फिर उत्तराषा या फिर उत्तरा फाल्गुनी किसी भी दिन या इन सभी साधनाओं में से कोई एक साधना प्रति माह मुझे करनी ही करनी है चाहे कुछ भी हो जाए बस यह नियम धारण कर लीजिए नियम के सामने तो कुदरत भी झुक जाती है और यह शास्त्रोक्त कहावत भी है बस आप यह नियम को पकड़ के चलिए अवश्य मां लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त होगी।
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