निम्न लिखित राहु के उपाय मंत्र बहुत प्रभावशाली है। Tantramantra.in एक विचित्र वेबसाइट है जो की आपके लिए प्राचीन तंत्र मंत्र सिद्धियाँ टोन टोटके पुरे विधि विधान के साथ लाती है. TantraMantra.in कहता है सभी तांत्रिक मित्रों को इन कार्यविधियों को गुरु के मध्य नज़र ही करना चाहिये। तथा इन इलमो को केवल अच्छे कार्य में ही इस्तेमाल करना चाहिए।
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जरुरी सूचना
कुदरती टोटके जो मनुष्य पढ़कर खुद करेगा उसी का कार्य पूर्ण होगा और जो दूसरे को पढ़कर बतायेगा जिसको बतायेगा उसका कार्य नहीं होगा, जो पढ़ेगा और बिना किसी व्यक्ति को बताये करेगा उसी का कार्य सम्पूर्ण होगा।
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कोई भी ग्रह ऐसा नहीं, जो राहु की समान जातक के भाई समान सुरक्षा करता हो, शनि मजबूत हो तो यह जातक को किसी तरह का पीड़ा नहीं ‘पहुंचाता,किन्तु खराब दशा में जातक को बहुत पेरशान करता है, मंगल ‘बद दुबारा शनि के अनिष्ट को राहु बहुत जल्दी भांप जाता है तथा उस समय बड़ी दूरदर्शिता का परिचय देता है, जिसका राहु नीच हो तो निम्न उपाय करें-
- काले रंग के कपड़े न पहने ।
- स्याम के पास हमेशा चांदी का चौकोर टुकड़ा रखें।
- अपने घर का टॉयलेट खुद साफ़ करे।
- खाना रसोईघर में बैठकर खाएं।
- खोटा सिक्का नदी में डालें।
- सरसों एवं नीलम रत्न किसी सफाई कर्मचारी को दान करे।
- गौ-मूत्र से दांत साफ करें।
- रोजाना चंदन का इत्र अपने हाथ की मणि बंध रेखा पे लगाये।
- सफाई कर्मचारि का सम्मान करे और उन्हें मिठाई दान करे या बाते।
- अपने हाथ से दान करे
राहु के माता पिता कौन थे।
‘विप्रचित्ति नामक दानव और हिरण्यकशिपु कौ पुत्री सिंहिका का पुत्र राहु केवल एक छाया ग्रह है। राहु को कालपुरुष का दुःख माना गया है। यह दुःख , शोक, पाप और दुर्भाग्य का प्रतीक ग्रह है। इस ग्रह का मानव के पैरों ‘पर अधिकार रहता है। यह एक राशि पर पूरे डेढ़ वर्ष तक रहता है। यह मकर राशि का स्वामी है। यह स्त्रीलिंगी तथा तामस गुण वाला है । इसका नीचा स्थान वृष और ऊंचा स्थान वृश्चिक है। यदि जन्मकुंडली में राहु तीसरे छठे और नौवें घरों में मौजूद हो तो सर्व प्रकार के दोषों को समाप्त करता है।
राहु के मित्र राशि और शत्रु राशि कोन-कोन सी है।
मिथुन, कन्य; तुला, धनु, मकर तथा मीन राशियां राहु की मित्र राशियां हैं, तथा कर्क और सिंह शत्रु राशियां हैं। यह ग्रह शुक्र के साथ राजस तथा सूर्य एवं चंद्र के साथ शत्रुव॒त् व्यवहार करता है। बुध, शुक्र गुरु को न तो अपना मित्र समझता है और न ही उससे किसी प्रकार की शत्रुता ही रखता है। यह झा बैठा हो उस घर से सातवें घर को पूर्ण दृष्टि से देखता है।
श्री राहु मंत्र
मंत्र
ॐ पल्लियाकुतम : महापार्धियम : युक्यणम : राहुयजन :
महाहाक्तिवियम : पिर्जिर्णीयम : परिसख्यम :
यतातिरिणम: आप्यतुवियम : भास्याकारिजम :
माणुयमण : प्रायापकिंतम : उपधिवियम :
व्याभ्युणम: प्रयाकातियम : आप्याक्षणुजम : संसारम :
राहु ग्रह मन्त्र
मंत्र
राहु सरासनि,, गुणानिरान्तिन , चन्द्र फिरूयामी
जालाभिरिन्ती जालकष्टाशिरिन्तीरिन
काष्टफाटिक भिरियान्तिन भौरस्व: अस्ती
भ्रमयामि राहुकुमारबिन्दम् भालों प्रियान्तिम्
जामोनिस्त्राणी भोग्य जाग्रति निरूयापाणी
भज जगतम् फिरूसति जानवोनिफिरूतितरम्
फिराकष्तीयायाम् नष्डञ्नान्ति जाग्रति
यातयामिनि भारे भारे
उतराणी राहु शिप्रप्राणी फिरूशानेकिम्
जाकिराषनिक मरणप्रान्ति मरणप्रान्ति , जाग्रति जाग्रति
जुनेजवष्टि मानवि निरिष्यति,
राहु मिष्त्राणी मित्राणी राहु क्रियान्तिन्
राहु निष्तेत्री , नम: नम: प्रविष्ठान्ति
इति सिद्धम *
राहू दोष के लिए | राहु के उपाय
निवारण – राहु की दशा वाले मनुष्य को चन्दन की लकड़ी अपने साथ रखें और प्रतिदिन सुबह के समय उस चन्दन की लकड़ी को पत्थर पर घिसकर पानी सेवन करे और साबुत मूंग का खाने में ज्यादा सेवन करे राहु की दशा समाप्त हो जायेगी।
अथवा
निवारण – जिस किसी भी मनुष्य पर राहु की बुरी दशा हो उस मनुष्य को साबुत गेंहू उबालकर मीठा डालकर कोढी मनुष्यों को खिलाये और जब खिला दे तो प्रेम से बोलें और सतकार करके घर वापस आये इस कार्य विधि को करने से राहु की दशा नम्र हो जायेगी और कोई भी कार्य में कभी भी बाधा एवं रूकावट नहीं आयेगी।
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