माँ काली के टोटके और काली वाण के मंत्रों का महत्व। इन साधनों से धन प्राप्ति के साथ आत्मिक उन्नति और जीवन में समृद्धि प्राप्त करें।”
Table of Contents
Toggleकाली वाण: प्रथम वाण
ॐ नमः: काली कंकाली महाकाली
मुख सुंदर जिए ब्याली
चार वीर भैरों चौरासी
बीठती पूज पान ऐ मिठाई
अब बोलो काली की दुहाई
काली वाण: द्वितीय वाण
ॐ काली कंकाली महाकाली
मुख सुंदर जिए ज्वाला वीर वीर भैरू
चौरासी बता तो पुजू पान मिठाई |
काली वाण: तृतीय वाण
ॐ काली कंकाली महाकाली
सकल सुंदरी जीहा बहाली
चार वीर भैरव चौरासी तदा तो पुजू पान मिठाई
अब बोलो काली की दुहाई |
काली वाण: चतुर्थ वाण
ॐ काली कंकाली महाकाली
सर्व सुंदरी जिए बहाली
चार वीर भैरू चौरासी
तप तो पुजू पान मिठाई
अब राज बोलो
काली की दुहाई |
काली वाण: पंचम वाण
ॐ नम: काली कंकाली महाकाली
मुख सुंदर जिए काली
चार वीर भैरव चौरासी
तब राज तो पुजू पान मिठाई
अब बोलो काली की दुहाई |
माँ काली के टोटके करने की विधि / काली पंच वाण पाठ करने की विधि:
इस मन्त्र को सिद्ध करने की कोई आवश्यकता नहीं है | यह मन्त्र स्वयं सिद्ध है केवल माँ काली के सामने अगरबत्ती जलाकर 11 बार सुबह और 11 बार शाम को जप कर ले | मन्त्र एक दम शुद्ध है भाषा के नाम पर हेर फेर न करें | शाबर मन्त्र जैसे लिखे हो वैसे ही पढ़ने पर फल देते हैं शुद्ध करने पर निष्फल हो जाते हैं |
धन क्यों जरुरी है?
धन समाज में व्यक्ति के मान-सम्मान में वृध्धि करता है और उसकी एक अच्छी छवि का निर्माण करता है। हम सभी व्यापार, अच्छी नौकरी, अच्छी व्यवस्था आदि के माध्यम से अधिक से अधिक धन कमाकर धन होना चाहते हैं ताकि, हम आधुनिक समय की बढ़ती हुई सभी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें।
श्री कुबेर मंत्र साधना
आज के इस युग में प्रत्येक व्यक्ति अच्छे रोजगार की प्राप्ति में लगा हुआ है पर बहुत प्रयत्न करने पर भी अच्छी नौकरी नहीं मिलती है। रोजगार सम्बन्धी किसी भी समस्या के समाधान के लिए इस मन्त्र का प्रतिदिन 11 बार सुबह और 11 बार शाम को जाप करें।
धन का महत्त्व क्या है?
शास्त्रों में मनुष्य जीवन के लिए चार पुरुषार्थ कहे गए हैं—धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। सरलता से कहा जाए तो यह है धर्मपूर्वक अर्थ (धन, संपत्ति) कमाते हुए अपनी इच्छाओं का पालन करना और धर्म पूर्वक कार्य करते हुए मोक्ष प्राप्त करना।
धर्म को शास्त्रों में अनेक प्रकार से परिभाषित किया गया है। मनुस्मृति के अनुसार आचारः परमो धर्मः अर्थात् आचार ही परम धर्म है। सत्य बोलना और सत्कर्मों व सद्विचारों को रखते हुए व्यवहार करना ही आचार है।
धन प्राप्ति के लिए अनायास गए साधन अपनाने नहीं चाहिए। बिना परिश्रम की लूट, चोरी या भ्रष्टाचार से कमाया गया धन टिकाऊ नहीं है। यदि हम धर्मपूर्वक जीवन व्यतीत करते हैं तो धन की आवश्यकता सीमित होती है। धन हमें अपनी योग्यताओं-परिश्रम के बल पर ही प्राप्त करना चाहिए।
आज संचार के अधिक साधन होने के कारण और बचपन से ही उचित संस्कार न मिलने के कारण हमारी मनोवृत्ति भौतिकता की ओर अग्रसर हो गई है। हम येन केन प्रकारेण धन प्राप्त करना चाहते हैं, परंतु धन की शुद्धता भी आवश्यक है, जिसके लिए साधनों की पवित्रता भी आवश्यक है।
निष्कर्ष:
माँ काली के टोटके और उनकी साधना का महत्व हमारे जीवन में धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए अत्यधिक है। काली वाण के पाठ के माध्यम से हम न केवल माँ काली की कृपा प्राप्त करते हैं, बल्कि अपने जीवन में सकारात्मकता और शक्ति भी जोड़ते हैं।
इन टोटकों के माध्यम से हमें यह समझ में आता है कि सच्चे श्रद्धा और विश्वास के साथ किए गए कर्म हमेशा फलदायी होते हैं। काली वाण के मंत्रों का जप करके हम अपनी इच्छाओं को पूर्ण करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हैं।
धन की आवश्यकता को समझते हुए, यह आवश्यक है कि हम इसे धर्मपूर्वक कमाएँ और सदाचार का पालन करें। अंत में, यह कहा जा सकता है कि माँ काली की साधना केवल भौतिक धन की प्राप्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मिक उन्नति और सच्ची संतुष्टि की ओर भी हमें ले जाती है।