नाभि ठीक करने का प्रभावशाली मंत्र – तंत्र-मंत्र से समाधान | nabhi thik karne ka mantra - Tantra Mantra

नाभि ठीक करने का प्रभावशाली मंत्र – तंत्र-मंत्र से समाधान | nabhi thik karne ka mantra

1 नाभि ठीक करने का प्रभावशाली मंत्र | nabhi thik karne ka mantra
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निम्नलिखित नाभि ठीक करने का प्रभावशाली मंत्र बहुत प्रभावशाली है। Tantramantra.in एक विचित्र वेबसाइट है जो की आपके लिए प्राचीन तंत्र मंत्र सिद्धियाँ टोन टोटके पुरे विधि विधान के साथ लाती है TantraMantra.in कहता है सभी तांत्रिक मित्रों को इन कार्यविधियों को गुरु के मध्य नज़र ही करना चाहिये। तथा इन इलमो को केवल अच्छे कार्य में ही इस्तेमाल करना चाहिए, अन्यथा आपको इसके बुरे परिणाम का सामना खुद ही करना होगा ।

निम्नलिखित तंत्र मंत्र प्राचीन तंत्र मंत्र साहित्यो से लिए गए हैं! जैसे इंद्रजाल, लाल किताब, शाबर मंत्र संग्रह इत्यादि

हैं।


नाभि ठीक करने का मंत्र – 1

विधि:

  1. एक पीला बांस लें, जिसमें नौ गांठें हों।
  2. रोगी को लिटाएं और बांस को नाभि के ऊपर खड़ा करें।
  3. मंत्र का जाप करते हुए बांस के छेद में जोर-जोर से फूंक मारें। इससे उखड़ी हुई नाभि ठीक हो जाएगी।

मंत्र –
ॐ नमो नाड़ी नाड़ी 
नौ से नाड़ी , बहतर कोठा 
चलै अगाड़ी , डिगै न कोठा 
चले नाड़ी रक्षा करें यति हनुमन्त की आन 
शब्द सांचा , पिण्ड कांचा 
फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा 

नाभि ठीक करने का प्रभावशाली मंत्र – 2

नाभि ठीक करने का मंत्र

यह एक अत्यधिक प्रभावशाली बंगाली तंत्र-मंत्र है, जिसे सदियों से प्रयोग किया जाता रहा है। नाभि खिसकने की समस्या को कुछ मिनटों में ठीक करने का यह सबसे सरल और कारगर उपाय माना जाता है।

नाभि खिसकने के लक्षण:

जब नाभि खिसकती है, तो शरीर में असहनीय पीड़ा होती है। पेट में मूवमेंट नहीं होता, झुकने में दर्द होता है, और यहां तक कि सोने और बाथरूम जाने में भी परेशानी होती है। पेट के अंदर एक खिंचाव महसूस होता है, जो जल्द ही ठीक नहीं होता। दवा भी इसमें कारगर साबित नहीं होती है, लेकिन यह मंत्र कुछ ही मिनटों में नाभि को सही जगह पर लाने की क्षमता रखता है।

नाभि ठीक करने का मंत्र

काच्चा तेल पाका चूलोकुरिर घुरतोभात 
तुई विषधारी तुई विशमारी सुलोरतो
माली खाबे आमार भात, भात खाए पोरे
की अमुकेर पेटेर नॉक् ओशुक दूर होये
जेबे कार आग्याय सोशान कालि मायेर
आग्याय दुहाई कामरू बौनेर छू

यह आपको प्रयोग कैसे करना है बता दूं ये स्वयं सिद्ध मंत्र है और अति प्राचीन है और बंगाल में लगभग यह हर घर में मिल ही जाता है और कुछ-कुछ समस्या ऐसी होती है कि जिसे डॉक्टरी इलाज से भी जल्दी फायदा नहीं मिलता है तो ऐसे स्थिति में आप यह सब प्रयोग कर सकते हैं और स्वस्थ हो सकते हैं अपने घर के लोगों को स्वस्थ कर सकते हैं!

चलिए इस विषय पे आते हैं कि इसे कैसे प्रयोग में लिया जाए याद रखिए इसे आप दूर बैठे व्यक्ति के ऊपर भी प्रयोग कर सकते हैं जैसे मान लीजिए आप कोलकाता में बैठे हैं और जो व्यक्ति है दिल्ली में बैठा है जिसकी नाभि खिसकी है तो आप फोन के माध्यम से भी उसकी नाभि ठीक कर सकते हैं हजारों किलोमीटर दूर बैठे हुए भी आप नाभि ठीक कर सकते हैं।

प्रयोग विधि:

  1. सामग्री तैयार करें: एक कटोरी में थोड़ा तेल, एक चम्मच पका हुआ चावल, और थोड़ा जल लें।
  2. मंत्र जाप करें: पाँच बार मंत्र का जाप करें और हर बार तेल में फूंक मारें। इसी तरह पके हुए चावल और जल को भी अभिमंत्रित करें।
  3. तेल और चावल का प्रयोग:
    • पीड़ित व्यक्ति को घर के मुख्य द्वार पर बाहर की ओर मुख करके खड़ा करें।
    • अभिमंत्रित चावल उसे खाने को दें।
    • अभिमंत्रित तेल को नाभि के चारों ओर और थोड़ी मात्रा में नाभि के अंदर लगाएं।
    • अंत में अभिमंत्रित जल पिलाएं।

क्रिया के बाद:

पीड़ित व्यक्ति को बिस्तर पर पीठ के बल लिटाएं, सिर के नीचे तकिया न रखें। चेहरा आकाश की ओर होना चाहिए। 15 मिनट ऐसे लेटने के बाद, नाभि अपनी सही जगह पर आ जाएगी और पीड़ित व्यक्ति पूरी तरह से ठीक महसूस करेगा।


तंत्र-मंत्र की शक्ति और सावधानियाँ

यह मंत्र तंत्र क्रियाओं की शक्ति को दर्शाता है, जो आधुनिक चिकित्सा से अलग होते हुए भी कारगर साबित होते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखें कि इन मंत्रों का प्रयोग सही दिशा और उद्देश्य के लिए किया जाना चाहिए।

Tantramantra.in आपको यह सलाह देता है कि तंत्र-मंत्र का उपयोग केवल अच्छे कार्यों के लिए ही करें, ताकि इसके बुरे परिणामों से बचा जा सके।

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