Tantramantra.in एक विचित्र वेबसाइट है जो की आपके लिए प्राचीन तंत्र मंत्र सिद्धियाँ टोन टोटके पुरे विधि विधान के साथ लाती है. तंत्रमंत्र कहता है सभी तांत्रिक मित्रों को इन कार्यविधियों को गुरु के मध्य नज़र ही करना चाहिये। तथा इन इलमो को केवल अच्छे कार्य में ही इस्तेमाल करना चाहिए, अन्यथा आपको इसके बुरे परिणाम का सामना खुद ही करना होगा । निम्न लिखित हनुमान सिद्धि मंत्र बहुत प्रभावशाली है।
Tantra Mantra लाया है आपके लिए हनुमान सिद्धि मंत्र! यह मंत्र बहुत ही प्रभावशाली तथा असरदायी है कृपया इन्हे गुरु की देख रेख में ही सिद्ध करें! इन मंत्रो का गलत उपयोग करने का कभी न सोचे इससे आपको खुद भी चोट हो सकती है, आपके साथ हुई किसी भी प्रकार की अनहोनी के लिए TANTRA MANTRA ज़िम्मेदार नहीं होगा!
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Toggleहनुमान सिद्धि मंत्र: शक्ति का स्रोत!
श्री हनुमान पवन देव के पुत्र तथा रुद्रावतार माने गये हैं। इनके जन्म के समय ही अनेक देवों ने इन्हें वरदान लेकर अजर-अमर बना दिया था। अखण्ड ब्रह्मचर्य के पालन के कारण ही ये सर्वाधिक पूज्य माने जाते हैं। हनुमान जी साधना अगर भक्ति, श्रद्धा, समर्पण एवं संलग्नता से की जाये, तो उनकी क्रपा अवश्य प्राप्त होती है तथा उनके जैसी ही भक्ति, अखण्डता, अडिंगता, सौम्यता और बल प्राप्त होता है।
हनुमान सिद्धि शाबर मंत्र की विशेष बात यह है कि इनका पूजन विधान जिस विधि से आरम्भ हो, चाहे वह पंचोपचार हो या षोडशोपचार, उसी विधि से समाप्त करना चाहिए, क्योंकि अधिकांश साधक समयानुसार पूजन विधान को छोटा या बड़ा कर लेते हैं।
साधक को पूर्ण एकाग्रता से हनुमान सिद्धि शाबर मंत्र की प्रक्रिया को सम्पन्न करनी चाहिए।
सर्व सिद्धिदायक हनुमान मंत्र
यह हनुमान सिद्धि शाबर मंत्र समस्त प्रकार के कार्यों की सिद्धि के लिए प्रयोग किया जाता है। मंत्र सिद्ध करने के लिए हनुमान जी के मंदिर में जाकर हनुमान जी की पंचोषचार पूजा करें और शुद्ध घृत का दीपक जलाकर भीगी हुई चने की दाल और गुड़ का प्रसाद लगाकर निम्न मंत्र का जप करें। कार्य सिद्धि के लिए आपको एक माला का जाप रोज़ 11 दिनों तक एक निश्चित समय पर करना होगा और जाप पूर्ण होने के बाद दशमांश हवन करना होगा!
मंत्र:
श्री हनुमान के प्रिय दिवस तो मंगल और शनि माने गये हैं। इन दिनों में इनकी सिद्धि करनी चाहिए। ये दिन इन्हें अत्यन्त प्रिय हैं और ग्रहणकाल में हनुमान सिद्धि शाबर मंत्र को सिद्ध करने से साधक को सामान्य फल से सौ गुना फल अधिक मिलता है।
हनुमान सिद्धि शाबर मंत्र को सिद्ध करते समय पवित्रता और सात्विकता का विशेष ध्यान देना अनिवार्य है। मांस, मदिरा, अंडे तामसी भोजन आदि का सर्वधा त्याग करना चाहिये। सात्विक वातावरण में स्वच्छ वस्त्र पहनकर एकांत में मंत्रों की साधना करनी चाहिये-क्रोध, द्वेष, हिंसा, आदि का इन दिनों त्याग करके शान्ति, सहयोग एवं प्रेम का ‘बातावरम रखना चाहिये। अनुष्ठान की समाप्ति तक एक समय भोजन करना चाहिये। जप दोनों कालों प्रात: एवं सायं किया जा सकता है। शारीरिक एवं मानसिक शुद्धता रखनी आवश्यक है।
ध्यान रखने योग्य बातें:-
- हनुमान सिद्धि में हनुमान विग्रह को एकटक देखते हुए मंत्र जप करना चाहिए।
- इस सिद्धि में मंत्र जप बोलकर करना चाहि, जिसका उच्चारण स्पष्ट एवं श्रव्य हो। सात्विक तथा श्रद्धाभाव से युक्त स्त्रियाँ भी हनुमान सिद्धि कर सकती हैं।
- हनुमान सिद्धि स्वकल्याण यां लोक कल्याण की भावना से करनी चाहिए, जिससे सिद्धि में शीघ्र सफलता मिल सके।
- दूसरे का अनिष्ट या अपकार करने के लिए हनुमान सिद्धि बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इससे स्वयं की हानि होने की संभावना रहती है, क्योंकि हनुमान कल्याणकारी देव माने जाते हैं।
- हनुमान सिद्धि के लिए “मूंगे की माला” का प्रयोग करना चाहिए।
- हनुमान सिद्धि में लाल आसन पर बैठें, लाल धोती एवं लाल चादर का प्रयोग करें। तेल का दीपक तथा अगरबत्ती या धूप पूरे सिद्धि काल में जलते रहने चाहिए।
- हतलुमान सिद्धि दास्य भाव से करनी चाहिए, इससे वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
- हलुमत् सिद्धि में एक समय ही भोजन करें, सूर्यास्त के बाद पूजन आदि करके भोजन करें। इस भोजन में यदि नमक का सेवन न करें, तो अच्छा रहेगा।
- हलुमत् सिद्धि दक्षिम या पूर्व दिशा की ओर मुंह करके सम्पन्न करनी चाहिए।
- सिद्धि के दिनों में सात्विक भाव बनाये रखें, व्यर्थ के बाद-विवाद से बचना चाहि। असात्विक या तामसिक व्यक्तियों के सम्पर्क से दूर रहने का यथासंभव प्रयास करना चाहिए।
- हलुमान सिद्धि मंगल या शनिवार को करनी चाहिए, आवश्यकता होने पर अन्य शुभ तिथियों या विशेष दिनों में भी सिद्धि कर सकते हैं।
- हलुमान सिद्धि के लिये रक्त चन्दन की मूर्ति या “हनुमान यंत्र’ अत्युत्तम माना जाता है। प्राण-प्रतिष्ठित रक्त चन्दन की मूर्ति या यंत्र प्राप्त कर पूजा में प्रयुक्त करें।
सर्व मनोकामना पूरक हनुमान सिद्धि शाबर यन्त्र
हनुमान जी शक्ति के आगार हैं, भक्ति के भंडार हैं, धैर्य के हिमालय हैं और सहनशीलता के समुद्र हैं । विद्वता में वो अद्वितीय हैं। राजनीति, कूटनीति और दूतकला के विशेषज्ञ हैं। समस्त प्रकार की आपदाओं का निवारण करने में समर्थ हनुमान जी महान योगी, सिद्ध-तंत्रज्ञ और ज्ञान-विज्ञान के निधान हैं। त्रेतायुग में प्रदर्शित उनका शौर्य-पराक्रम आज भी विख्यात है।
श्री हनुमान यंत्र
यह यंत्र हनुमान जी का विशिष्ट यंत्र है। इस यंत्र का ‘विधिवतू पूजन प्राण प्रतिष्ठादि करके अपने पास रखने से समस्त प्रकार की बाधाएं और शत्रु भयभीत हो जाए है, तथा आपसे दूर भागने लगते है! साथ ही श्री हनुमान जी महाराज की कृपा भी आप पर होती है |
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