10 स्वयं सिद्ध शाबर मंत्र | अति प्राचीन शाबर मंत्र | शाबर मंत्र का भंडार

निम्न लिखित स्वयं सिद्ध शाबर मंत्र | अति प्राचीन शाबर मंत्र बहुत प्रभावशाली है। Tantramantra.in एक विचित्र वेबसाइट है जो की आपके लिए प्राचीन तंत्र मंत्र सिद्धियाँ टोन टोटके पुरे विधि विधान के साथ लाती है. TantraMantra.in कहता है सभी तांत्रिक मित्रों को इन कार्यविधियों को गुरु के मध्य नज़र ही करना चाहिये। तथा इन इलमो को केवल अच्छे कार्य में ही इस्तेमाल करना चाहिए, अन्यथा आपको इसके बुरे परिणाम का सामना खुद ही करना होगा।

निम्नलिखित तंत्र मंत्र प्राचीन तंत्र मंत्र साहित्यो से लिए गए हैं! जैसे इंद्रजाल, लाल किताब, शाबर मंत्र संग्रह इत्यादि|

स्वयं सिद्ध शाबर मंत्र का भंडार | अति प्राचीन शाबर मंत्र

 नजर उतारने का शाबर मंत्र संग्रह

विधि – इस मंत्र से सात बार जाप करते हुए राख” को अभिमन्त्रित करके रोगी के कपाल पर टीका लगा दे । नजर उतर जाएगी

मंत्र –  
ॐ  नमो आदेश ।
तू ज्या नावे, भूत पले, प्रेत पले।
खबीस पले, अरिष्ट पले–सब प्ले ।
न पले, तर गुरु की, गोरखनाथ की, बीद यांहीं चले ।
गुरुग्रन्थ ,गुरु मेरो भगत, चले मंत्र, ईश्वरी वाचा ।

 शाकिनो -दोष दूर करने का शाबर मंत्र

अति प्राचीन शाबर मंत्र

 

विधि- मंत्र  से गुग्गुल को 108  बार अभिमन्त्रित कर, जिसे शाकिनी लगी हो, उसके ललाट पर वहीं गुग्गुल घिसे, तो शाकिनी उसे छोड़र चलो जाएगी ।

मंत्र 
ॐ  हीं षः सः हः यः वः स्वी स्वाहा ।

घर बाँधने का शाबर मंत्र

विधि – एक छोटा मिट्टी का डबला लेकर उसकी पेंदी (तली) में छोटा छेद करें । फिर उसमे शराब, दूध और गो-मूत्र भरें तथा मंत्र  पढ़ते हुए घर का चक्कर  लगावें। चक्कर लगाते समय डबला हाथों में लिए रहें, ताकि उसमें भरा द्रव्य टपकता रहे तथा हर.कोने में नीबू रखकर एक बड़ा  कील ठोंक दें । घर के सारे दुःख तथा अभिचारआदि नष्ट होंगे ।

मंत्र –
उत्तरा खंड की काली , उत्तर को बाँध,
पूर्व को बाँध, पश्चिम  को बाँध, दक्षिण को बाँध,
आगा बाँध, पीछा बाँध, घर के चारों कोने बाँध।
मेरो बांधी न बंधे, तो काली माई को फिर  दूहाई॥।

जगह बाँधने का शाबर मंत्र

विधि – जितनी जगह बाँधना हो, मंत्र पढ़ते हुए चाकू से घेरा खींच दें । उतनी जगह हर प्रकार से सुरक्षित हो जाएगी ।


मरघट आऊं, मरघट जाऊं, मरघट बेठ के लड्डू खाऊँ।
लोहे की कील, वज्रर का ताला, तहाँ बेठा ‘हनुमन्त रखवाला ।
भूत-प्रेत, जादू-टोना, सबको जेर कर बाँधनेवाला ।

डाकिनी शाबर मंत्र

डाकिनी शाबर मंत्र

विधि – इस शाबर मंत्र को अमावस्या की रात के दिन करना है। जिस नर नारी पर ऊपर की हवा हो इस शाबर मंत्र को सात्विक प्रवृत्ति का मनुष्य जिसने गुरु धारण कर रखा हो वह इस शाबर मंत्र से झाड़ सकता है। अमावस्या की रात 2 बजे इस मंत्र का  108 बार जाप करके सिद्ध करें, तेल की ज्योत जलावे।

चली अगुआई ब्रह्म की
डाकिनी चली अपने लोक
मनुष्य का हुआ पलड़ा भारी
कलह कलेश की आग पर पड़ गया पानी
जब ब्रह्म की लगी शासत्र  की ओट
डाकिनी हो गई ओट
हुई ब्रह्म देव की झडी
मनुष्य की खल गई नली
पूर्ण हो गई काया
जब धर्म का द्वीप जगाया
जय जय धर्म का द्वीप
ब्रह्म लोक की हुई जीत
जय जय ब्रह्म देव।

हांडी बांधने का शाबर मंत्र

हांडी बांधने का शाबर मंत्र

चली मदिरा भांग चढ़ाये
हांडी चली अगनी  में जाये
हांडी हाड मास से भर जाये
हांडी हट पीछे डायन
उलटा पहिया चले शमशान
चले गोरक्ष अपनी बान
जय गोरक्ष की दुहाई की कमान

बली देकर भेजी गईं हवा को उतारने का शाबर मंत्र 

ॐ आरिक्षीणम्‌ भद्रकाली महायक्षुणी
भद्राकाली दात्री
कल्याणी कर्मजातिनि काल भेरव  विधाताय नम:
तपस्यणी धरती धारिणिम कलाक्षी तारा नम: नम:
समसाणी स्वामिनि पारसमणी नम :।
इति सिद्धम्‌

विपरीत चालन विधि

विधि – कर्तव्या उल्टा फेरने के लिए 25 बार मंत्र  पढ़कर ऊपर फूँक़ दो, तो करनेवाला खुद सद्भूट में पड़ जाएगा ।

मंत्र-
उलट तेल राई का, छाती बाँधूं डाइन का।
डाइन गुन बाँधूं, अपना गुन  लगाऊं।
दुहाई नरसिंह महा-वीर को ॥।

भूत-प्रेत-शेतान भगाने का शाबर मंत्र

भूत-प्रेत-शेतान भगाने का शाबर मंत्र

विधि-उपर्युक्त मंत्र की विधि यह है कि मंत्र का जप कर हवन करे । रक्षा होती है ।

मंत्र –
जल बांधो, जलाहल बाँधो, बांधो  जल की काई ।
भ्रृत-प्रेत-शेतान बांधो, हनुमान की दोहाई ।

श्मशान-बाधा-निवारक शाबर मंत्र

साधना – विधि एवं प्रयोग--कभी-कभी अशुद्ध जगह (श्मशान आदि में) जाने से अशांत आत्माएँ व्यक्ति को प्रभावित कर लेती हैं। इस मंत्र को भी पूर्वोतिक विधि से सिद्ध करे। फिर जरूरत पड़ने परव्यक्ति  गरस्त व्यक्ति को मोर- पंख से सात बार मंत्र बोलते हुए झाड़ा देने पर श्मशान- बाधा दूर हो जाती है। इस मंत्र का झाड़ा देते समय अंगारों पर लोबान की घूनी भी देवे ।

मंत्र –
सफेदा मसान , गुरू गोरखनाथ की आन |
यम-दण्ड मसान, काल- भेरव की आन |
सुकिया मसान, लोना चमारी की आन ।
फुलिया मसान, गोरे भेरव की आन ।
हलदिया मसान, ककोड़ा भेरव की आन |
पीलिया मसान, दिल्‍ली की जोगिन की आन।
कमोदिया मसान, कालका की आन।
कीकड़िया मसान, रामचन्द्र की आन ।
मिचमिचिया मसान, शिव शंकर की आन |
सिलसिलिया बीर मुहमदा पीर की आन ।

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