निम्न लिखित शुक्र ग्रह का उपाय बहुत प्रभावशाली है। Tantramantra.in एक विचित्र वेबसाइट है जो की आपके लिए प्राचीन तंत्र मंत्र सिद्धियाँ टोन टोटके पुरे विधि विधान के साथ लाती है. TantraMantra.in कहता है सभी तांत्रिक मित्रों को इन कार्यविधियों को गुरु के मध्य नज़र ही करना चाहिये। तथा इन इलमो को केवल अच्छे कार्य में ही इस्तेमाल करना चाहिए!
निम्नलिखित तंत्र मंत्र प्राचीन तंत्र मंत्र साहित्यो से लिए गए हैं! जैसे इंद्रजाल, लाल किताब, शाबर मंत्र संग्रह इत्यादि|
शुक्र को मजबूत कैसे करे
नीच शुक्र वाला जातक काली कपिला गाय की सेवा किया करे। दही, लाल ज्वार धर्म-स्थान में चढ़ाए। सफेद रेशमी वस्त्र का दान करे। लाल ज्वार पत्नी के वजन के बराबर या उसका दसवां हिस्सा मन्दिर में दे।
- शुक्र को उच्च करने के लिए रोज रात्रि को बादाम का सेवन करे।
- उबले आलू को पीले कर, कपिला गाय को खिलाए।
- रोजाना अपने हाथ के शुक्र पर्वत पे और नाभि पे इत्र लगाए।
- तेल में पकौड़े बनाकर शनिवार के दिन काले कौओं को खिलाए।
- प्रतिदिन स्नान करे और साफ़ कपडे पहने और इत्र लगाए।
- शुक्रवार के दिन पानी में दही दाल के स्नान करे।
- महिलाओ और बच्चो के साथ अच्छा व्यवहार करे।
- दही शक़्कर को रोज सेवन करे।
- विवहा के बाद अपने अंगूठे में चांदी का छल्ला धारण करे।
उपाय – 1 यदि जन्मकुंडली में शुक्र अनिष्टकारी स्थिति में हो तो अपनः थाली में से भोजन निकालकर गायों को भोजन कराना चाहिये। इससे ग्रह के अनिष्टकारी प्रभाव को दूर करने में सहायता मिलेगी। गाय का दाम तथा उसका चारा भी अनिष्ट ग्रह का निवारण करता है।
उपाय – 2 शुक्र से संबंधित दान में देने योग्य वस्तुएं हैं–घी, दही, कपूर और सफेद मोती। स्त्रियों की सहायता व पालन भी लाभप्रद है। शुक्र का देवता ‘लक्ष्मी. जी हैं। यदि कुंडली में शुक्र अनिष्ट प्रभाव कर रहा हो, तो लक्ष्मी जी की पूजा करनी चाहिए।
शुक्र मंत्र
शुक्रान्तिम् शुक्रान्तिम् शिरीमणी
द्वारागनिश्यति, शुक्रयामि ,
ग्रह योगी ब्रह्म योगी , जडस्वी फुलाक्रान्ति , जामनिष्यक्रान्ति:,
भारयन्ति युगे युगे
जालायामि जालायामि फुस्यहाष्य क्रान्ति
शुक्रयाणामिन भद्र भद्र ज्याम्यान्ति
धर्मयामि धर्मयामि जाग्रति जाग्रति
यथा सितम् प्रविष्ठानि
शुक्रयाणम् शुक्रयाणम्
भ्रान्ति भ्रान्ति यशस्वी यशस्वी
देव निन्दराणी जडस्वी जडस्वी जाग्रति
योगनिरमा जागनिरमीणि, जाग्रति जाग्रति,
निरमामि भजयन्तिशुक्र ग्रह मन्त्र
शिरौमणी शिरौमणी भजयन्ति
गावति गावति प्रतिदिनम् नम : नम:
इति सिद्धम्
शुक्र ग्रह का उपाय ( दोष के लिए )
निवारण – शुक्र ग्रह की बुरी दशा में उड़द का वृक्ष अपने घर में लगाओ उस पर दूध अर्पित करो दूध सुबह के समय अर्पित करना है, जिस दिन वृक्ष पर दूध अर्पित करना आरंभ करो उस दिन संकल्प करो और वृक्ष की जड़ में कलावा बाँधो, सवा दो महीने दूध चढ़ाओ और अपने साथ सफेद कपड़े में उतने काले उड़द के दाने रखो जितने सवा 2 महीने में दिन होते हैं उतने ही उड़द के दाने साथ में रखो। शुक्र की दशा शान्त रहेगी।
अथवा
निवारण – शुक्रवार के दिन उड़द सवा सौ ग्राम पीपल की खोखर में रख दे और 5 गेंदा के फूल चढ़ाये 5 शुक्रवार तक इस विधि को करने से शुक्रदेव की दशा नम्र हो जायेगी।
शुक्र की दृष्टि नरम होने हेतु
निवारण – सात शुक्रवार सात अलग-अलग जगह केले के पेड़ लगाओ और फिर जब सात पेड़ अलग-अलग जगह लगा देवें उसके बाद दो गांठे और पाँच-पाँच जौ के दाने हर शुक्रवार को उन केलों की जड़ में अर्पित करो इस प्रकार से चौदह शुक्रवार को यह कार्य विधि करने से शुक्र ग्रह की कृपा दृष्टि होगी।
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