राहु के लक्षण और उपाय 10 | Raahu ke lakshan aur Upaye 2024

राहु के लक्षण और उपाय | Raahu ke lakshan aur Upaye

निम्न लिखित  राहु के लक्षण और उपाय 10 बहुत प्रभावशाली है। Tantramantra.in एक विचित्र वेबसाइट है जो की आपके लिए प्राचीन तंत्र मंत्र सिद्धियाँ टोन टोटके पुरे विधि विधान के साथ लाती है. तंत्रमंत्र कहता है सभी तांत्रिक मित्रों को इन कार्यविधियों को गुरु के मध्य नज़र ही करना चाहिये।

तथा इन इलमो को केवल अच्छे कार्य में ही इस्तेमाल करना चाहिए, अन्यथा आपको इसके बुरे परिणाम का सामना खुद ही करना होगा । निम्न लिखित राहु के लक्षण और उपाय बहुत प्रभावशाली है। कुदरती टोटके जो मनुष्य पढ़कर खुद करेगा उसी का कार्य पूर्ण होगा और जो दूसरे को पढ़कर बतायेगा जिसको बतायेगा उसका कार्य नहीं होगा, जो पढ़ेगा और बिना किसी व्यक्ति को बताये करेगा उसी का कार्य सम्पूर्ण होगा।

निम्नलिखित तंत्र मंत्र तंत्र मंत्र साहित्यो से लिए गए हैं! जैसे इंद्रजाल, लाल किताब, शाबर मंत्र संग्रह।

राहु के लक्षण और उपाय

राहु को अनुकूल करने के अचूक टोटके

जब राहु ग्रह अनिष्ट या प्रतिकूल प्रभाव कर रहा हो तो उसे अनुकूल ‘करने या उसके अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए निम्नलिखित टोटकों के उपाय करने आवश्यक हैं–

1 लोहे के ताबीज में सफेद चंदन कौ जड़ को रखकर, बुधवार को नीले रंग के सूती धागे में डालकर प्रातःकाल धारण करना चाहिए।

2. शनिवार को दोपहर के समय मध्यमा उंगली में लोहे की बनी अंगूठी गाय के दुध में डुबा कर पहननी चाहिए।

‘विशेष – यद्यपि राहु और केतु छाया ग्रह माने जाते हैं, तब भी इनकी अतिकूलता अत्यधिक पीड़ा दायक होती है। अतः राहु के मंत्र का जाप करके उसकी विरोधी गति को शांत किया जा सकता है। राहु के मंत्र का जाप इक्कौस हजार की संख्या में बृहस्पतिवार से प्रारम्भ करना चाहिए।

 मंत्र 

ओम्‌ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: राहुवे नम:।

राहु के सरल एवं अचूक टोटकों से सम्बन्धित उपाय

‘कोई भी ग्रह ऐसा नहीं, जो राहु की समान जातक के भाई समान सुरक्षा करता हो, शनि मजबूत हो तो यह जातक को किसी तरह का पीड़ा नहीं पहुंचाता,किन्तु खराब दशा में जातक को बहुत पेरशान करता है, मंगल बद दुबारा शनि के अनिष्ट को राहु बहुत जल्दी भांप जाता है तथा उस समय बड़ी दूरदर्शिता का परिचय देता है, जिसका राहु नीच हो तो निम्न उपाय करें-

  • काले रंग के कपड़े न पहने ।
  • नीली, काली टोपी या कैप अथवा पगड़ी इन रंगो की न लगाएं।
  • स्याम के पास हमेशा चांदी का चौकोर टुकड़ा रखें।
  • बादाम और नारियल को दरिया के जल में सहला दे।
  • सिक्का (लेड), जौ और सरसों को भी जल में प्रवाह करें।
  • खाना रसोईघर में बैठकर खाएं।
  • खोटा सिक्का नदी में डालें।
  • सरसों एवं नीलम रत्न किसी सफाई कर्मचारी को दान करे।
  • गौ-मूत्र से दांत साफ करें।
  • अपने हाथ से दान करे

राहु के लक्षण

‘विप्रचित्ति नामक दानव और हिरण्यकशिपु कौ पुत्री सिंहिका का पुत्र राहु केवल एक छाया ग्रह है। राहु को कालपुरुष का दुःख माना गया है। यह दुःख , शोक, पाप और दुर्भाग्य का प्रतीक ग्रह है। इस ग्रह का मानव के पैरों ‘पर अधिकार रहता है। यह एक राशि पर पूरे डेढ़ वर्ष तक रहता है। यह मकर राशि का स्वामी है। यह स्त्रीलिंगी तथा तामस गुण वाला है । इसका नीचा स्थान वृष और ऊंचा स्थान वृश्चिक है। यदि जन्मकुंडली में राहु तीसरे छठे और नौवें घरों में मौजूद हो तो सर्व प्रकार के दोषों को समाप्त करता है।

मिथुन, कन्य; तुला, धनु, मकर तथा मीन राशियां राहु की मित्र राशियां हैं, तथा कर्क और सिंह शत्रु राशियां हैं। यह ग्रह शुक्र के साथ राजस तथा सूर्य एवं चंद्र के साथ शत्रुव॒त्‌ व्यवहार करता है। बुध, शुक्र गुरु को न तो अपना मित्र समझता है और न ही उससे किसी प्रकार की शत्रुता ही रखता है। यह झा बैठा हो उस घर से सातवें घर को पूर्ण दृष्टि से देखता है।

राहु को इस युग में भी प्रत्यक्ष प्रभाव देने वाला माना गया है। इसकी शक्ति असीम है। इसके द्वार दुःख, दुर्भाग्य, संकट विध्व॑सात्मक प्रवृत्ति नौका चालन, राजनीति, साहस, चिंता, पितामह, अनुसंधान तथा बिलासिता आदि का विचार किया जाता है।

यदि जन्मकुंडली में राहु बली होकर शुभ भावों में मौजूद हो तो जातक ‘को राजनीति में सफलता प्रदान करता है। सामान्य रूप से राहु के द्वारा मुद्रण कार्य, फोटोग्राफी, नीले रंण की बस्तुएं, चर्बी, हड्डी, सीमेंट, चित्रकारी, मद्यपान घुटकीड़ा आदि विषयों को विचार किया जाता है। यदि जन्मकुण्डली में राहु

अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो हो तो जातक चर्बी तथा हड्डी जनित रोगों से पीड़ित रहता है। राहु के दुष प्रभाव से जातक आलसी तथा मानसिक रूप से सदैव दुखी रहता हैं। यह सब ग्रहों से बलवान्‌ माना जाता है तथा वृष और तुला लग्न में योगकारक बनता है।

उच्च का राहु जातक को स्पस्ट वत्ता बना देता है, साथ हो उसे द्रव्य प्राप्ति भी कराता है। नीच का राहु व्यक्ति को दंगल अथवा मुकदमे में जीतने बाला बनाता है, किन्तु इसे द्रव्य की प्राप्ति नहीं होती। यदि राहु अपने घर में बैठा हो, तो जातक भाग्यशाली और उच्च पद का प्रत्याशी होता है, जबकि शत्रुक्षेत्राहु जातक के भाग्य को चमकाने वाला और उसके कार्यों को संपादित करने वाला होता है।

राहु, जिसे ग्रहों के संसार में एक छाया ग्रह के रूप में जाना जाता है, का ज्योतिष में महत्वपूर्ण स्थान है। यह ग्रह अक्सर कठिनाइयों, भ्रम, और अवांछित परिणामों का प्रतीक माना जाता है। राहु के प्रभाव को समझना और उसके उपाय करना व्यक्ति के जीवन को संतुलित और सकारात्मक बना सकता है। इस ब्लॉग में, हम राहु के लक्षणों और उनके उपायों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

राहु के लक्षण

राहु के अशुभ प्रभाव को पहचानने के लिए निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं:

1. मानसिक तनाव और अवसाद: राहु के प्रभाव में व्यक्ति अक्सर मानसिक तनाव, चिंता, और अवसाद से ग्रस्त हो सकता है। वह निरंतर उलझन और भ्रम की स्थिति में रहता है।

2. अनैतिक और अवैध कार्यों की ओर आकर्षण: राहु के प्रभाव से व्यक्ति अनैतिक और अवैध कार्यों की ओर आकर्षित हो सकता है, जिससे उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँच सकता है।

3. अचानक धन हानि: राहु के अशुभ प्रभाव के कारण व्यक्ति को अचानक धन हानि का सामना करना पड़ सकता है। यह हानि व्यापार, निवेश, या अन्य आर्थिक क्षेत्रों में हो सकती है।

4. स्वास्थ्य समस्याएं: राहु के कारण व्यक्ति को विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिनमें त्वचा रोग, पेट संबंधी समस्याएं, और मानसिक विकार शामिल हैं।

5. पारिवारिक और वैवाहिक समस्याएं: राहु के प्रभाव से व्यक्ति के पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में तनाव और विवाद उत्पन्न हो सकते हैं।

6. दुर्घटनाओं का डर: राहु के प्रभाव से दुर्घटनाओं का भय बना रहता है। व्यक्ति को अचानक दुर्घटनाओं या अनहोनी घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है।

7. नींद की समस्या: राहु के प्रभाव से व्यक्ति को नींद न आने की समस्या हो सकती है। वह अनिद्रा या बुरे सपनों से ग्रस्त हो सकता है।

8. शिक्षा में बाधा: राहु के प्रभाव के कारण शिक्षा में रुकावटें आ सकती हैं। विद्यार्थी ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ हो सकते हैं और उनकी पढ़ाई में बाधाएं आ सकती हैं।

9. कोर्ट केस और कानूनी समस्याएं: राहु के प्रभाव से व्यक्ति को कोर्ट केस और कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

10. सामाजिक प्रतिष्ठा में गिरावट: राहु के अशुभ प्रभाव के कारण व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा में गिरावट आ सकती है और उसे अपमान का सामना करना पड़ सकता है।

राहु के उपाय

राहु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

1. राहु मंत्र का जाप: राहु के मंत्र “ॐ रां राहवे नमः” का नियमित जाप करना चाहिए। यह मंत्र राहु के अशुभ प्रभाव को कम करने में सहायक होता है।

2. राहु कवच स्तोत्र का पाठ: राहु कवच स्तोत्र का नियमित पाठ करने से राहु के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है।

3. नीले रंग का दान: शनिवार के दिन नीले वस्त्र, नीला फूल, या नीले रंग की वस्तुओं का दान करना चाहिए।

4. नारियल का उपाय: नारियल को अपने सिर पर 21 बार वार कर बहते पानी में प्रवाहित करना चाहिए। यह उपाय राहु के प्रभाव को कम करता है।

5. राहु यंत्र की स्थापना: घर या पूजा स्थान में राहु यंत्र की स्थापना करनी चाहिए और उसकी नियमित पूजा करनी चाहिए।

6. सरसों के तेल का दान: शनिवार के दिन सरसों के तेल का दान करना चाहिए। यह राहु के अशुभ प्रभाव को कम करने में सहायक होता है।

7. हनुमान जी की पूजा: हनुमान जी की पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ करना राहु के अशुभ प्रभाव को कम करता है।

8. काले तिल का दान: शनिवार के दिन काले तिल का दान करना चाहिए। यह उपाय राहु के अशुभ प्रभाव को कम करता है।

9. नाग देवता की पूजा: राहु के प्रभाव को कम करने के लिए नाग देवता की पूजा करनी चाहिए और नाग पंचमी के दिन विशेष रूप से नाग देवता का पूजन करना चाहिए।

10. भैरव पूजा: राहु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए काल भैरव की पूजा करनी चाहिए। भैरव चालीसा का पाठ भी किया जा सकता है।

निष्कर्ष

राहु का अशुभ प्रभाव जीवन में कई प्रकार की कठिनाइयाँ और चुनौतियाँ ला सकता है, लेकिन सही उपायों के माध्यम से इन प्रभावों को कम किया जा सकता है। नियमित रूप से राहु मंत्रों का जाप, दान-पुण्य, और विशेष पूजन विधियों का पालन करने से राहु के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। इन उपायों को अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन को सुखी, समृद्ध, और शांतिपूर्ण बना सकता है।

प्रश्न और उत्तर

प्रश्न: राहु के लक्षण क्या होते हैं? उत्तर: राहु के लक्षणों में मानसिक तनाव, अवसाद, अचानक धन हानि, स्वास्थ्य समस्याएं, पारिवारिक और वैवाहिक समस्याएं, दुर्घटनाओं का डर, नींद की समस्या, शिक्षा में बाधा, कोर्ट केस और कानूनी समस्याएं, और सामाजिक प्रतिष्ठा में गिरावट शामिल हैं।

प्रश्न: राहु के अशुभ प्रभाव को कम करने के उपाय क्या हैं? उत्तर: राहु के अशुभ प्रभाव को कम करने के उपायों में राहु मंत्र का जाप, राहु कवच स्तोत्र का पाठ, नीले रंग का दान, नारियल का उपाय, राहु यंत्र की स्थापना, सरसों के तेल का दान, हनुमान जी की पूजा, काले तिल का दान, नाग देवता की पूजा, और भैरव पूजा शामिल हैं।

प्रश्न: राहु मंत्र का जाप कैसे करना चाहिए? उत्तर: राहु मंत्र “ॐ रां राहवे नमः” का जाप प्रातः काल या संध्या समय में शुद्ध और शांत स्थान पर बैठकर करना चाहिए। जाप के समय ध्यान राहु पर केंद्रित रखना चाहिए।

कुछ खास जानकारिया 

राहु अपनी मुसीबत खुद भोगता है, अपना संकट किसी दूसरे के मत्ये नहीं मढ़ता। लेकिन इस ग्रह के कारक का जातक के कारोबार एवं रिश्तेदारों ‘पर गहरा असर पड़ सकता है। राहु के खराब होने पर साले या बहनोई पर खास असर होता है।

राहु अकेला ही इतना ताकतवर है कि पल भर में सब कुछ खत्म ‘कर सकता है। अच्छा होने पर यह मददगार साबित होता है और अच्छे-बुरे दोनों तरह के विचारों को जन्म देने वाला है, अगर राहु मंदा हो तो चन्द्र का उपाय सहायता करेगा, क्‍योंकि चन्द्र से राहु शांत होता है। मगर राहु को शांत करने में उसकी अपनी ताकत घट सकती है। या अगर मंगल ताकतवर हो, तो वो राहु को दबाकर रखता है।

राहु के बारे में कहा गया है कि वो चन्द्र से घबराता है, इसी वजह से वो चन्द्र के उपाय से शान्त पड़ जाता है और जातक के दिमाग में अनेक तरह की श्रांतियां पैदा कर दिमागी दशा को बेचैन कर देता है, दुश्मनों से घिरवा देता है, मगर नेक वक्त पर बचाव भी करता है।

अगर आपको राहु के लक्षण और उपाय 10 पसंद आई हो तो कृपया निचे कमेंट करें अथवा शेयर करें

यह भी पढ़े:-

  1. मंगल ग्रह का प्रभाव और उपाय
  2. शनि को तुरंत खुश करने के उपाय
  3. बुध ग्रह को स्ट्रांग करने के उपाय
  4. वशीकरण मंत्र
  5. शुक्र ग्रह को मजबूत करने के उपाय लाल किताब

Share this Post to:

Facebook
WhatsApp
Telegram

Over 1,32,592+ Readers

To Get the PDF Kindly Reach us at:

Contact.tantramantra@gmail.com

दिव्य ध्वनि: तांत्रिक मंत्रों के पीछे छिपी आध्यात्मिक विज्ञान

दिव्य ध्वनि: तांत्रिक मंत्रों के पीछे छिपी आध्यात्मिक विज्ञान

आध्यात्मिक विज्ञान की दुनिया में तांत्रिक मंत्रों का महत्व अत्यंत उच्च माना जाता है। इन मंत्रों के विशेष शब्दों और

Read More »
प्राचीन परंपराओं से आधुनिक चिकित्सा तक: तांत्रिक मंत्रों का रहस्य

प्राचीन परंपराओं से आधुनिक चिकित्सा तक: तांत्रिक मंत्रों का रहस्य

भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में तांत्रिक मंत्रों का एक विशेष महत्व है। ये मंत्र न केवल ध्यान और आध्यात्मिक

Read More »
Scroll to Top