देव गण, मनुष्य गण, एवं राक्षस गण की पूर्ण जानकारी एवं राक्षस गण का अर्थ | राक्षस गण के उपाय लाल किताब निम्नलिखित है ! Tantramantra.in एक विचित्र वेबसाइट है जो की आपके लिए प्राचीन तंत्र मंत्र सिद्धियाँ टोन टोटके पुरे विधि विधान के साथ लाती है. TantraMantraकहता है सभी तांत्रिक मित्रों को इन कार्यविधियों को गुरु के मध्य नज़र ही करना चाहिये। तथा इन इलमो को केवल अच्छे कार्य में ही इस्तेमाल करना चाहिए, अन्यथा आपको इसके बुरे परिणाम का सामना खुद ही करना होगा।
निम्नलिखित तंत्र मंत्र प्राचीन तंत्र मंत्र साहित्यो से लिए गए हैं! जैसे इंद्रजाल, लाल किताब, शाबर मंत्र संग्रह इत्यादि|
गण कितने प्रकार के होते है।
मनुष्य को तीन श्रेणी में बांटा गया है जो उनके गण के आधार पर निर्धारित होता है यह तीन श्रेणियां है देवगण, मनुष्य गण और राक्षस गण के आधार पर मनुष्य का स्वभाव और उसका चरित्र भी बताया जाता है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म के समय मौजूद नक्षत्र के आधार पर व्यक्ति का गण निर्धारित होता है!
देव गण में जन्मे लोग
आइए सबसे पहले जानते हैं कि देव गण में जन्मे लोग कैसे होते हैं? जो मनुष्य देव गण से संबंध रखता है वह दानी, बुद्धिमान, कम खाने वाला और कोमल हृदय का होता है, ऐसे व्यक्ति के विचार बहुत उत्तम होते हैं और वह पहले दूसरों के हित में सोचता है, अपने हित में बाद में सोचता है!
मनुष्य गण में जन्मे लोग/अर्थ!
अब बात करते हैं मन गण के बारे में, वहीं जिन लोगों का संबंध मनुष्य गण से होता है, वह धनवान होने के साथ ही धनुर विद्या के अच्छे जानकार होते हैं, उनके नेत्र बड़े-बड़े होते हैं, साथ ही वह समाज में काफी मान सम्मान पाते हैं और लोग उनकी बातों को सबसे ऊपर रख कर के चलते हैं,
राक्षस गण का अर्थ
अब हम बात करेंगे राक्षस गण का अर्थ, परन्तु जब बात राक्षस गण का अर्थ की आती है तो बहुत से लोग इसका नाम सुन कर के ही भयभीत हो जाते हैं, लेकिन इसमें भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह भी अन्य दोनों गण की तरह ही एक गण है लोग इसे गलत अर्थों में लेकर भ्रांतियां गणने लगते हैं जो कि कदापि सही नहीं है हां इसकी खूबियां थोड़ी अलग है और विशिष्ट है भिन्न-भिन्न तरह की शक्तियां हमारे आसपास भिन्न-भिन्न तरह की परिस्थिति में मौजूद होती हैं! ज्योतिष विद्या के अनुसार इनमें से कुछ नकारात्मक शक्ति होती है तो कुछ सकारात्मक!
राक्षस गण के लोगो की खूबियाँ।
जिन लोगों का संबंध राक्षस गण से होता है, वह अपने आसपास मौजूद नकारात्मक शक्तियों को जल्दी ही पहचान लेते हैं, उन्हें बुरी शक्तियों का आभास अपेक्षाकृत जल्दी हो जाता है, राक्षस गण के लोगो की छठी इंद्री ज्यादा बेहतर तरीके से काम करता है और वह इतनी क्षमता भी रखते हैं। कि जब उनके सामने हालात नकारात्मक हो तो वे भयभीत होने की बजाय उन हालातों का डट करके सामना करते हैं राक्षस गण के जातक साहसी और मजबूत इच्छा शक्ति वाले होते हैं उनके जीने का तरीका बहुत ही स्वच्छंद और स्वतंत्र होता है!
कौन से लोग राक्षस गण के होते है।
ज्योतिष शास्त्र में जन्म के समय मौजूद नक्षत्रों की भूमिका बहुत बड़ी होती है आप किस ग्रह के अंतर्गत जन्मे हैं किस राशि के अधीन है और आपके जन्म का नक्षत्र क्या था यह बात आपके पूरे जीवन की रूपरेखा खींच देती है तो चलिए हम लोग जानते हैं कि किस नक्षत्र में जन्मे लोग राक्षस गण के माने जाते हैं अश्लेषा, विशाखा, कृतिका, मघा, जेष्ठा, मूल, धनिष्ठा और शतभिषा, इन नक्षत्रों में जन्म लेने वाले लोग राक्षस गण के होते है।
राक्षस गण के उपाय लाल किताब
इस मंत्र का उच्चारण करते हुए प्रभावित व्यक्ति का 21 बार झाड़ा करें तो वह राक्षस सम्बन्धी सभी दोषो से मुक्ती पा सकता है।
मंत्र –
ॐ नमो आदेश गुरु का।
सुर गुरु बेची एक मण्डली आणि।
दोय मण्डली आणि। तीन मण्डली आणि।
चार मण्डली आणि। पांच मण्डली आणि।
छ: मण्डली आणि। सात मण्डली आणि।
हलती आणि। चलती आणि। नसंती आणि।
माजंती आणि। सिहारी आणि। उहारी आणि।
उग्र होकर चढती धाल वाय। सुग्रीव वीर तेरी शक्ति।
मेरी भक्ति फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।
कुछ ख़ास जानकारियाँ।
तो मित्रों जरूरी नहीं है कि जिसका नाम वैसा हो उसका स्वभाव उसकी प्रकृति भी वैसी हो कुछ लक्षण ऐसे होते हैं जिस वजह से उनको इस प्रकार के नाम दिए गए हैं हमारे शास्त्रों में और ऐसा जरूरी नहीं कि हर बार वह नेगेटिव हो बहुत मायनों में वो बहुत पॉजिटिव भी होता है जैसे राक्षस गण का निर्भक होना वो किसी भी परिस्थिति में डरते नहीं है!
जबकि देव गण की बात करें या मनुष्य गण की बात करें वो हर स्थिति में अगर थोड़ी सी भी नेगेटिव होती है तो वो हताश हो जाते हैं, निराश हो जाते हैं, होपलेस हो जाते हैं, ऐसी स्थिति में राक्षस गण के जातक जो है बहुत काम आते हैं तो आपको खुद को किसी से कम नहीं आकना चाहिए और समय रहते अगर आप उपाय करेंगे तो आप अपनी योग्यता का बहुत अच्छा लाभ भी ले सकते हैं!