70 प्राचीन बीज मंत्र लिस्ट | Beej Mantra List

70 प्राचीन बीज मंत्र लिस्ट | Beej Mantra List

निम्न लिखित बीज मंत्र लिस्टबहुत प्रभावशाली है। Tantramantra.in एक विचित्र वेबसाइट है जो की आपके लिए प्राचीन तंत्र मंत्र सिद्धियाँ टोन टोटके पुरे विधि विधान के साथ लाती है. तंत्रमंत्र कहता है सभी तांत्रिक मित्रों को इन कार्यविधियों को गुरु के मध्य नज़र ही करना चाहिये। तथा इन इलमो को केवल अच्छे कार्य में ही इस्तेमाल करना चाहिए, अन्यथा आपको इसके बुरे परिणाम का सामना खुद ही करना होगा । निम्न लिखित बीज मंत्र लिस्ट बहुत प्रभावशाली है। कुदरती टोटके जो मनुष्य पढ़कर खुद करेगा उसी का कार्य पूर्ण होगा और जो दूसरे को पढ़कर बतायेगा जिसको बतायेगा उसका कार्य नहीं होगा, जो पढ़ेगा और बिना किसी व्यक्ति को बताये करेगा उसी का कार्य सम्पूर्ण होगा।

Tantra Mantra लाया है आपके लिए बीज मंत्र लिस्ट! यह मंत्र बहुत ही प्रभावशाली तथा असरदायी है कृपया इन्हे गुरु की देख रेख में ही सिद्ध करें! इन मंत्रो का गलत उपयोग करने का कभी न सोचे इससे आपको खुद भी चोट हो सकती है, आपके साथ हुई किसी भी प्रकार की अनहोनी के लिए TANTRA MANTRA ज़िम्मेदार नहीं होगा!

निम्नलिखित तंत्र मंत्र तंत्र मंत्र साहित्यो से लिए गए हैं! जैसे इंद्रजाल, लाल किताब, शाबर मंत्र संग्रह।

Table of Contents

बीज मंत्र लिस्ट | Beej Mantra List

भुवनेशवरी मंत्र

मंत्र


ह्रीं  (हकार नकुलीश, रेफ, अग्नि
ईकार वामनेत्र  )

दक्षिणकालिका मंत्र

मंत्र

क्रीं  क्रीं  क्री  हुं   हुं  ह्रीं  ह्रीं  दक्षिण
कालिके  क्रीं  क्रीं  हुं  हुं  ह्रीं  ह्रीं  स्वाहा । (क जलरूपी, रेफ
अग्नि, बिन्दु ब्रह्म )


गुह्म कालिकाया

मंत्र

क्रीं  क्रीं  क्रीं  हूं  हूं  ह्रीं  ह्रीं  गुह्मकालिका 
 क्रीं  क्रीं  क्रीं  हूं  हूं  ह्रीं  ह्रीं  स्वाहा

भद्रकाल्या

मंत्र

 क्लीं  क्लीं  कलीं  हूं  हूं  ह्रीं  ह्रीं  भद्रकाल्ये क्लीं 
क्लीं  कलीं  हूं  हूं  ह्रीं  ह्रीं  स्वाहा । हौं  कालि महाकालि किलिः
किलि फट स्वाहा ।

शमशान कलिकाय

मंत्र

क्रीं  क्रीं  क्रीं  हूं  हूं  ह्रीं  ह्रीं   शमशान 
कालि क्रीं  क्रीं  क्रीं  हूं  हूं  ह्रीं  ह्रीं  स्वाहा । 

मंत्र

ऐं  ह्रीं  श्रीं  क्लीं  कालिके  ऐं  हूं  श्रीं  क्लीं । 

ताराया

मंत्र

 ह्रीं  श्रीं   हुं  ऐं  वज्रवैरोचनिये   हुं    हुं   फट्‌  स्वाहा ।

भुवनेशवरी मंत्र

मंत्र

ह्रीं  (हकार नकुलीश, रेफ, अग्नि
ईकार वामनेत्र  )

श्मशानभैरव्या

मंत्र

श्मशानभैरवी नवरुधिरास्थिवसाभक्षणि
सिद्धि में देहि मम मनोरथान्‌ पूरय हूँ फट्‌ स्वाहा ।

सम्पन्नप्रदाभैरव्या

मंत्र

सहयें हसकलरीं हसरों।

कैलेशभैरव्या

मंत्र

सहरें सहकलरीं सहरों।

भयविध्वंसिनीभैरव्या

मंत्र

 हसें हसकलरीं हसौं ।

सकलसिद्धिदाभैरव्या

मंत्र

सहें सहकलहीं. सहों |

चेतन्यभैरव्या

मंत्र

सहें सहकलह्रीं सहरों

कामेश्वरीभैरव्या

मंत्र

सहें सहकलह्रीं  नित्यक्लिन्ने मदद्रवे
 सहरों

बटुकभैरव्या

मंत्र

डरलक सहें डरलक सहि डरलक  सहों |

नित्यभैरव्या

मंत्र

हसकलरडें  हसकलरडीं  हसकलरडों ।

रुद्रभैरव्या

मंत्र

हसें   हसकलह्रीं  हसों ।

भुवनेश्वरीभैरव्या

मंत्र

हसें  हसकलह्रीं  हसों।

अन्नपूर्णा भैरव्या

मंत्र

ओं ह्रीं श्रीं क्लीं नमो भगवति महेश्वरि
अन्नपूर्णे स्वाहा ।

सकलेश्वर्य्या

मंत्र

सहें सकलह्रीं सहों

त्रिपुरबालाया

मंत्र

 ऐँ क्लीं सौं ।

नवकूटाबालाया

मंत्र

 ऐं क्लीं सौं । हसें हसकलरीं हसौं 
हसरें हसकलरीं हसरों।

धूमावत्या

मंत्र

 धूं  धूं  स्वाहा ।

बगलाया वा बगलामुख्या

मंत्र

ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्व-
दुष्टानां वाचमुखं स्तम्भय जिह्नां कालय बुद्धि नाशय ह्रीं 
ॐ स्वाहा ।

महालक्ष्म्या

मंत्र

ऐं ह्लीं क्लीं हसौं क्लीं हसौं जगत्प्रसूत्यै नम:

त्रिपुटाया

मंत्र

श्रीं  ह्लीं  क्लीं ।

त्वरिताया

मंत्र

ॐ ह्रीं हुं खेच्छे क्षस्त्री हुं क्षे ह्लीं फट्‌ ।

नित्याया

मंत्र

 ऐँ क्लीं नित्यक्लिन्ने मदद्रवे स्वाहां।

वज्प्रस्तारिणीमंत्र

मंत्र

 ऐं ह्लीं नित्याक्लिन्ने मदद्रवे स्वाहा ।

दुर्गाया

मंत्र

ॐ  ह्लीं  दुं  दुर्गायें  नमः ।

महिषमर्दनीया

मंत्र

ॐ   महिषमर्दनी  स्वाहा ।

जय दुर्गाया

मंत्र

ॐ  दुर्गे दुर्गे रक्षणि स्वाहा ।

शूलिन्या

मंत्र

जल जल शूलिनि दुष्टग्रह हुं फट्‌ स्वाहा ।

वागीश्वर्या

मंत्र

वद वद’ वाग्वादिनी स्वाहा ।

पारिजातसरस्वत्या

मंत्र

ॐ   ह्लीं  हसों  ॐ  ह्लीं  सरस्वत्ये  नमः ।

गौर्या

मंत्र

ह्लीं गौरी रुद्रदयिते योगेश्वरि हुं फट्‌ स्वाहा ।

विशालाक्ष्या

मंत्र

ओं ह्लीं विशालाक्ष्ये नमः ।

गणेशबीजं

मंत्र

-गं ।

हेरम्बबीजं

मंत्र

ओं गूं नमः ।

हरिद्वा गणेश बीजं

मंत्र

ग्ल॑ ।

महा गणेश बीजं

मंत्र

ओं  श्रीं  ह्लीं  क्लीं  ग्लौं  गं  गणपतये वर-
वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा

सूर्य बीज

मंत्र

ओं घृणि सूर्य आदित्य ।

श्री राम बीज

मंत्र

 रा  रामाय नम: जानकीवल्लभाय हूँ स्वाहा ।

विष्णु बीजं

मंत्र

ओं नमो नारायणाय ।

श्री कृष्ण बीज

मंत्र

 गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ।

वासुदेवस्य

मंत्र

ओं नमो भगवते वासुदेवाय ।

बालगोपालस्य

मंत्र

ओं क्लीं कृष्णाय ।

लक्ष्मीवासुदेवस्य

मंत्र

ओं  ह्लीं  ह्लीं  श्रीं   लक्ष्मीवासुदेवाय  नम: ।

दधिवामनस्य

मंत्र

ओं नमो विष्णवे सुरपतये “महाबलाय
स्वाहा ।

नृसिंहस्य

मंत्र

उग्र॑ वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सवंतो मुखम्‌ ।
 सिहं भीषण भद्र मृत्युमृत्यु नमाम्यहम्‌ ।

नर हरि बीजं

मंत्र

आं  ह्लीं  क्षौं  हुं  फट्‌  स्वाहा ।

 हरिहरस्य

मंत्र

ओं  ह्लीं  हों  शंकरनारायणाय  नमः  हों  ह्लीं  ओं।

वराहस्य

मंत्र

 ओं नमो भगवते वराहरूपाय भूर्भुवस्व: पतये
भूपतित्वं में देहि दापय स्वाहा ।

शिवस्य

मंत्र

हौं ।

 पूजामंत्र

मंत्र

ह्लीं  ओं  नमः  शिवाय  ह्लीं ।

मृत्युझ्जयस्य

मंत्र

ओं जुं सः ।

 दक्षिण मूर्ति बीजं

मंत्र

ओं नमो भगवत्ये दक्षिणामूत्तंये महा-
मेधां प्रयच्छ स्वाहा ।

चिन्ता  मणि  बीज

मंत्र

र क्ष म ब औं ऊं।

नीलकण्ठस्य

मंत्र

ओं मीं ठ : नमः शिवाय ।

चण्डस्य

मंत्र

रुध्व फट ।

क्षेत्रपालस्य

मंत्र

ओं  ह्रीं  बटुकाय आपदुद्धरणाय  कुरु  कुरु
बटुकाय  हीं ।

तारिण्या

मंत्र

 क्रीं क्लीं कृष्णदेवि ह्रीं क्रीं ऐं ।

ब्रह्मा श्री मंत्र

मंत्र

ह्रीं  नमो ब्रह्मश्लीराजिते राजपूजिते जये
विजये गौरि गन्धारि त्रिभुवनशक्कुरि सर्वलोकवशद्भूरि
स्व॑स्त्रीपुरुषवशडुकरि सुषुद्धदुर्यो रवावे ह्रीं स्वाहा ।

वीरसाधनस्य

मंत्र

 हूं पवननन्दनाय ।

इन्द्रस्य

मंत्र

इं इन्द्राय नम: स्वाहा ।

हनुम बीजं

मंत्र

हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्‌ ।

गरुडस्य

मंत्र

क्षिप ओं स्वाहा ।

सारस्वतबीजं

मंत्र

ऐं ।

नीलसरस्वत्या

मंत्र

 ओं ह्रीं स्त्रीं हुं फट्‌ ।

कात्यायन्या

मंत्र

ऐं ह्रीं श्रीं चौं चण्डिकाये नमः ।

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  1. मुठ रोकने का मंत्र
  2. मसान को हटाने का मंत्र
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  5. बगलामुखी मंत्र एवं जाप विधि

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