निम्नलिखित नाभि ठीक करने का मंत्र बहुत प्रभावशाली है। Tantramantra.in एक विचित्र वेबसाइट है जो की आपके लिए प्राचीन तंत्र मंत्र सिद्धियाँ टोन टोटके पुरे विधि विधान के साथ लाती है TantraMantra.in कहता है सभी तांत्रिक मित्रों को इन कार्यविधियों को गुरु के मध्य नज़र ही करना चाहिये। तथा इन इलमो को केवल अच्छे कार्य में ही इस्तेमाल करना चाहिए, अन्यथा आपको इसके बुरे परिणाम का सामना खुद ही करना होगा ।
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आज जो हम स्वयं सिद्ध बंगाली मंत्र आप सभी के सामने लेकर उपस्थित हुए है। यह मंत्र हर किसी के काम आने वाला मंत्र है और हर घर में यह मंत्र होना चाहिए, क्योंकि परिवार के किसी ना किसी सदस्य के साथ यह समस्या कभी ना कभी होती ही है और उस समय यह मंत्र आपके बहुत काम आएगा, हम नाभि खिसकने पर उसे ठीक करने का स्वयं सिद्ध बंगाली मंत्र लेकर उपस्थित हुए हैं आप सभी जानते हैं जब नाभि खिसकती है तो बहुत ज्यादा वेदना होती है पेट के तरफ से कोई भी मूवमेंट नहीं करने देता है ना झुकने देता है, ना ठीक से सोने देता है, अगर बाथरूम जाते हैं तब भी बाथरूम भी नहीं करने देता है और एक अजब सी चूबन सी होती है, नाभि की तरफ एक खिचाव सा होता है!
यह जो है जल्दी ठीक नहीं होता, क्योंकि ये नाभि खिसकी होती है तो यह दवा से भी ठीक नहीं होती है, इसे प्रॉपर किसी जो दाई, अम्मा होती है, उनके पास जाकर यह जो है नाभि ठीक किया जाता है या सही जगह पर लाया जाता है, लेकिन आज जो है हम आपको मंत्र दे रहे हैं और इस मंत्र के प्रयोग से जो है आप खिसकी हुई नाभि ठीक कर सकते हैं लगभग 15 मिनट में जो है पूरी तरह से आराम मिल जाता है मतलब खिसकी हुई नाभी जगह पर आ जाती है!
नाभि ठीक करने का मंत्र 1
काच्चा तेल पाका चूलोकुरिर घुरतोभात
तुई विषधारी तुई विशमारी सुलोरतो
माली खाबे आमार भात, भात खाए पोरे
की अमुकेर पेटेर नॉक् ओशुक दूर होये
जेबे कार आग्याय सोशान कालि मायेर
आग्याय दुहाई कामरू बौनेर छू
यह आपको प्रयोग कैसे करना है बता दूं ये स्वयं सिद्ध मंत्र है और अति प्राचीन है और बंगाल में लगभग यह हर घर में मिल ही जाता है और कुछ-कुछ समस्या ऐसी होती है कि जिसे डॉक्टरी इलाज से भी जल्दी फायदा नहीं मिलता है तो ऐसे स्थिति में आप यह सब प्रयोग कर सकते हैं और स्वस्थ हो सकते हैं अपने घर के लोगों को स्वस्थ कर सकते हैं!
चलिए इस विषय पे आते हैं कि इसे कैसे प्रयोग में लिया जाए याद रखिए इसे आप दूर बैठे व्यक्ति के ऊपर भी प्रयोग कर सकते हैं जैसे मान लीजिए आप कोलकाता में बैठे हैं और जो व्यक्ति है दिल्ली में बैठा है जिसकी नाभि खिसकी है तो आप फोन के माध्यम से भी उसकी नाभि ठीक कर सकते हैं हजारों किलोमीटर दूर बैठे हुए भी आप नाभि ठीक कर सकते हैं।
प्रयोग विधि
आप एक कटोरी में थोड़ा सा तेल लेंगे, तेल कोई भी चलेगा और थोड़ा सा एक चम्मच पका हुआ चावल लेकर बैठेंगे, थोड़ा सा जल लेंगे! अब आपको मंत्र पढ़ना है एक बार, एक बार तेल में फूक मारनी है। ऐसा आपको पाँच बार करना है। मतलब पाँच बार मंत्र पढ़के पाँच बार ही फूक मारके तेल को अभिमंत्रित कर लेना है। फिर तेल में तीन फूंक बिना मंत्र पढ़े मारनी है! ऐसा ही आपको पके हुए चावल के साथ भी करना है। पाँच फूंक मंत्र पढ़के मारनी है और तीन फूंक बिना मंत्र पढ़े मारनी है। ठीक इसी तरह आपको जल को भी अभिमंत्रित कर लेना है। पाँच बार मंत्र से अभिमंत्रित करके। तीन फूंक और मारनी है।
अब पीड़ित व्यक्ति को घर के मुख्य द्वार की चौखट पर बाहर की तरफ मुख करके खड़ा कर दीजिये। अब पीड़ित व्यक्ति को बोलिये बाहर की तरफ देखते हुए चावल खा ले, जो एक चम्मच चावल पके हुए जो आपने अभिमंत्रित किए हैं! उसके बाद जो तेल आपने अभिमंत्रित किया था वो तेल नाभि के आसपास लगा दें एक दो बूंद जो है नाभि के अंदर तेल छोड़ दें बस आप देखेंगे 15 मिनट में वो व्यक्ति ठीक हो जाएगा!
तेल लगाने के बाद पीड़ित व्यक्ति को अभिमंत्रित जल पीने को दें अथवा बिस्तर पर एक दम सीधा लिटा दें। आकाश की तरफ देखते हुए और सर के नीचे तकिया नहीं रखना है! सीधे लेटना है मतलब छाती के बल नहीं लेटना है पीठ के बल लेटना है आपका चेहरा आकाश की तरफ होना चाहिए! 15 मिनट ऐसे लेटने के बाद आप देखेंगे, जब 15 मिनट बाद वह व्यक्ति उठेगा तो उसकी नाभि जगह पे आ गयी होगी, जैसे ही उसने अभिमंत्रित तेल लगाया, जैसे ही चावल खाया तो पेट के अंदर क्रिया चालू हो जाती है और नाभि को सही जगह पर लेकर आती है, यह है स्वयं सिद्ध मंत्र की ताकत।
नाभि ठीक करने का मंत्र 2
विधि – एक पीला बांस लें जिसमें कि नौ गांठें हों। रोगी को लिटा करके उस नाभि के ऊपर यह बांस खड़ा करके इस मंत्र का जाप करते हुए बांस के छेद में जोर-जोर से फूंक मारते रहें तो उखड़ी हुई नाभि ठीक हो जाती हे
मंत्र –
ॐ नमो नाड़ी नाड़ी
नौ से नाड़ी , बहतर कोठा
चलै अगाड़ी , डिगै न कोठा
चले नाड़ी रक्षा करें यति हनुमन्त की आन
शब्द सांचा , पिण्ड कांचा
फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा
( यह एक ऐसा रोग है जिसे आधुनिक चिकित्सक रोग मानता ही नहीं जबकि रोगी को असहनीय पीड़ा हो रही होती है। )
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