काला जादू से बचाव

काला जादू से बचाव

निम्न लिखित काला जादू से बचाव का यह मंत्र हज़रत पैगम्बर अली की चौकी का बहुत प्रभावशाली है। Tantramantra.in एक विचित्र वेबसाइट है जो की आपके लिए प्राचीन तंत्र मंत्र सिद्धियाँ टोन टोटके पुरे विधि विधान के साथ लाती है. TantraMantra.in कहता है सभी तांत्रिक मित्रों को इन कार्यविधियों को गुरु के मध्य नज़र ही करना चाहिये। तथा इन इलमो को केवल अच्छे कार्य में ही इस्तेमाल करना चाहिए, अन्यथा आपको इसके बुरे परिणाम का सामना खुद ही करना होगा ।

निम्नलिखित तंत्र मंत्र प्राचीन तंत्र मंत्र साहित्यो से लिए गए हैं! जैसे इंद्रजाल, लाल किताब, शाबर मंत्र संग्रह इत्यादि|

 

काला जादू से बचाव

हमारे इस ब्रह्मांड में 2 तरह की शक्तियां प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित करती है वह 2 शक्तियां हैं:- 

  1. सकारात्मक शक्ति

  2. नकारात्मक शक्ति

हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं कि यह दोनो शक्तियां व्यक्ति पर अच्छा या बुरा प्रभाव कैसे डालते हैं और आप नकारात्मक शक्ति से सकारात्मक शक्ति की और कैसे जा सकते हैं।

हमारे इस ब्रह्मांड में न दिखने वाली असंख्य सूक्षम आत्माएं भ्रमण करती है। जब कोई व्यक्ति मृत्यु को प्राप्त होता है तो उसके शरीर से सूक्ष्म ऊर्जा जिसे आत्मा कहते हैं वह बाहर निकलती है। जब आत्मा शरीर से बाहर निकालती हैं तो उसे यमलोक ले जाया जाता है जिससे उसके किए हुए कर्मों की सजा दिया जा सके। लेकिन ऐसा सभी के साथ नहीं होता है।

कुछ अतिरिक्त आत्मायें इसी ब्रह्मांड में रह जाती है वह इसी ब्रह्मांड में भ्रमण करती रहती है और यही आत्माएं नकारात्मक प्रभाव डालती है। लेकिन इसके अलावा इस ब्रह्मांड में सकारात्मक उर्जाएं भी रहती है। आपने भी कभी महसूस किया होगा कि जब कभी आप किसी धार्मिक स्थान पर जाते हो तब आपके मन के भाव बदल जाते हैं और आपको एक अजीब सी शांति महसूस होती है।

इसी तरह से जब कभी आप किसी नकारात्मक सोच वाले लोगों के बीच बैठते हो तब आपकी सोच भी नकारात्मक होनी शुरू हो जाती है और आपका मन बिना कारण बेचैन होना शुरू हो जाता है। यदि आप में सकारात्मक शक्ति की कमी हो तब यह नकारात्मक ऊर्जा आपके ऊपर बहुत जल्द हावी हो जाती है और फिर अपनी कई इच्छाओं की पूर्ति आपके शरीर के द्वारा करनी शुरू कर देती है। और आप कुछ समझ ही नहीं पाते कि आपके साथ क्या हो रहा है।

इस नकारात्मक शक्ति या नकारात्मक उर्जाओं से बचाव करने के लिए देह रक्षा मंत्र बहुत उपयोगी होता है। इसके रोजाना जाप करने से आपकी नकारात्मक शक्ति नष्ट हो जाती है और नकारात्मक ऊर्जा से भी आपकी रक्षा होती है।

 इस्लामी रक्षा मंत्र

विधि – यह सर्वश्रैष्ठ इस्लामी रक्षा मंत्र है। जब भी कहीं कोई करतब प्रारम्भ करें तो इसे सात बार पढ़ करके ताली बजायें। श्मशान साधना या अन्य प्रयोग में अपने चारों तरफ रेखा भी खींची जा सकती है। रोगी को झड़ने हेतु भी सात बार पढ़कर झाड़ा करें।

मंत्र –
यही सार सार सार।जिन्‍न देव पारी नव स्कंफार
एक खाये दूसरे को फार। चहुं ओर अमिया पसार।
मलायक अस चार। दुहाई दस्तखे जिब्राइल।
बाई वे खौभि काइल। दाई दस्न दस्न।
हुसैन पीठ खदे खेई। आमिल कलेजे राखे इज्राइल
दुहाई मुहम्मद अलीलाह इलाह की 
कंगूर लिल्लाह की खाई। हजरत पैगम्बर अली की चौकी 
नख्त मुहम्मद रसूलिल्लाह की दुहाई 

 देह रक्षा शाबर मंत्र

इसकी विधि इस प्रकार है। देह रक्षा शाबर मंत्र का जाप पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना है। इस मंत्र का जाप आप किसी भी दिन शुरू कर सकते हो। मगर जितने दिन की आपने साधना करनी है उतने दिन रोजाना जाप करने के लिए 1 स्थान, 1 समय और 1 जप संख्या होना ही चाहिए। जाप करते समय किसी आसन का उपयोग जरूर करें। पहले दिन जाप शुरू करने से पहले गणेश पूजा, गुरु पूजा और कुलदेव पूजा करके फिर संकल्प लेकर जाप शुरू करें। 

जाप करते वक्त यदि हो सके तो धूप और देसी घी के दीपक का उपयोग जरूर करें। आप इसके बिना भी जाप कर सकते हो। मगर जाप करते वक्त 1 जल का लोटा आगे जरूर रखना है और रोजाना उस जल को बदलना है। मंत्र जाप के लिए आप तुलसी या रुद्राक्ष की माला का प्रयोग कर सकते हो। 

 

जितने दिन साधना करनी है उतने दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना है। मन में गलत विचारों को प्रवेश नहीं करने देना है। तभी आपको सफलता मिलेगी। यदि संभव हो सके तो जितनी जब संख्या में आपने किया है उसका दशांश मंत्र आहुतियों का हवन जरूर करना चाहिए। इससे मंत्र की शक्ति बढ़ जाती है। मगर यह जरूरी भी नहीं है। 

 

आखिर में सबसे जरूरी बात जो प्रत्येक साधक को सफल बनाती है वह आपका श्रद्धा और विश्वास। यदि आप शंकावान होकर कोई साधना करोगे तो आपको कभी भी सफलता नहीं मिल सकती। इसलिए मंत्र में आपकी जितनी श्रद्धा और विश्वास होगा उतनी जल्द ही आपको सफलता मिलेगी। आइये देह रक्षा शाबर मंत्र को जानते हैं।

मंत्र इस प्रकार है।

ॐ नमो परमात्मने, पर ब्रह्मा मम शरीर, पाहि पाहि कुरु कुरु स्वाहा!

मंत्र का प्रयोग कैसे करना है, आइए जानते हैं। जब आपकी 11,21या 41 दिन यह आपके संकल्प पर निर्भर करता है। जब साधना संपूर्ण हो जाए फिर भी रोजाना 1 माला जपते रहना है नहीं तो कम से कम 21 बार तो जरूर करना चाहिए। तभी मंत्र प्रभावशाली होता है।

 

जब कभी भी इसका प्रयोग करना हो तो इस मंत्र का जाप करके अपनी छाती पर फूंक मारनी है। जब कोई व्यक्ति इस मंत्र का प्रयोग करता है तो उस व्यक्ति के शरीर के चारों तरफ एक अदृश्य उर्जा का एक कवच उत्पन्न होता है। जिससे व्यक्ति के शरीर और प्राण दोनों की सुरक्षा होती है। इस कवच को भेद कर कोई भी अनिष्टकारी ऊर्जा व्यक्ति के शरीर में प्रवेश नहीं कर सकता है। 

 

लेकिन कभी कभी साधक के गलतियों के कारण यह कवच कमजोर पड़ जाते हैं और नकारात्मक शक्ति इस कवच को भेदने में सफल हो जाते हैं। इस प्रक्रिया को शरीर बंधन के नाम से भी जाना जाता है। इस तरह से आपकी रक्षा होती है और आपके ऊपर किसी भी ऊपरी छाया, भूत, प्रेत, शत्रु आदि का कोई प्रभाव नहीं होता है। यह चीजें आपसे कोसो दूर रहेंगी। जो इसका जाप रोजाना करते हैं उनके पास वैसे ही कोई नकारात्मक शक्ति अपना प्रभाव नहीं डालती और बुरे ग्रहों के प्रभाव से भी बचाव होता है।

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