आज हम आपको माता धूतनी मसानी की साधना एवं जानकारी देने जा रहे हैं! Tantramantra.in एक विचित्र वेबसाइट है जो की आपके लिए प्राचीन तंत्र मंत्र सिद्धियाँ टोन टोटके पुरे विधि विधान के साथ लाती है. निम्नलिखित तंत्र मंत्र प्राचीन तंत्र मंत्र साहित्यो से लिए गए हैं! जैसे इंद्रजाल, लाल किताब, शाबर मंत्र संग्रह इत्यादि|
जय मां तारा
माता धूतनी मसानी की साधना तंत्र साधनाओं में सबसे तेज फलदायी और प्रभावशाली मानी जाती है। यह साधना न केवल साधक को हर प्रकार की बाधा से मुक्त करती है, बल्कि उसकी हर मनोकामना भी पूरी करती है।
धूतनी मसानी देवी का स्थान हरियाणा के पाथरी गाँव में है। कहा जाता है कि जिनके कुल में यह देवी चलती हैं, अगर वे इनकी पूजा न करें तो देवी अप्रसन्न होकर कुल का नाश कर देती हैं। लेकिन जब कोई इनकी सही विधि से पूजा करता है, तो देवी अत्यंत प्रसन्न होकर साधक की हर इच्छा पूर्ण करती हैं।
Table of Contents
Toggleमाता धूतनी मसानी की साधना की विधि:
- समय:
इस साधना को किसी भी महीने के कृष्ण पक्ष के पहले बुधवार को प्रारंभ करें। - स्थान:
घर में जहां माता का थान हो, या एकांत में किसी स्वच्छ स्थान पर साधना करें। - दिशा:
साधना करते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। - साधना सामग्री:
- काले कंबल का आसन
- काले वस्त्र
- सरसों के तेल का दीपक
- धूप
- भोग सामग्री:
- बूंदी के लड्डू (1 जोड़ा)
- खम्मनि (1 जोड़ा)
- सुपारी (1 जोड़ा)
- नारियल (काले चुनरी में लपेटा हुआ)
- 5 बतासे
- कज्जल का टीका
- 5 लौंग और 5 छोटी इलायची
- अनुष्ठान की विधि:
- काले कंबल पर बैठकर सामने दीपक जलाएं और भोग सामग्री रखें।
- रुद्राक्ष माला से निम्नलिखित मंत्र का 5 माला जाप करें:
- 💐 माता धूतनी मसानी का मंत्र 💐
“माई मशानी कल्लर वसदी, नागे गुरु पुकारे, जिधर बुलावा आए, वहीं तुरंत उपस्थित हो जाए।
भूत, बेताल, कलवे, प्रेत, जिन्न, ख़बीस, मड़ी, मसाण, घोरी, कचील, छड्डी, छुड़ाई, भेजी, लगाई, मोहनी, माया, छाया, छलावे, यंत्र, मंत्र, ढाईये, सिफ़ली, काले, खाखी, बादी,
आबी, आतिश, किए हुए और कराए हुए, पढ़े हुए और लिखे हुए, सबको काट-काटकर मैली माता के चरणों में समर्पित कर दें।
यदि कील नहीं लगाई, तो गुरु घाती कहलाए।
लूना चमारी के कुंड में चार युग तक सड़ें।
दुहाई धर्म की, राजे रामचंद्र की, दुहाई नगर खेड़े की, दुहाई गोरख यति की।” - जाप पूरा करने के बाद बूंदी के लड्डू का एक जोड़ा किसी खाली मैदान में रख दें।
- साधना का समय सुबह और रात्रि दोनों में होना चाहिए।
- काले कंबल पर बैठकर सामने दीपक जलाएं और भोग सामग्री रखें।
- सिद्धि की अवधि:
- यह साधना 21 दिन या 42 दिन तक की जाती है।
- प्रतिदिन प्रातः माता के थान पर जाकर दो बतासे चढ़ाएं और मीठी लस्सी से स्नान करवाएं।
साधना के लाभ:
- हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा, बाधा, और बुरी शक्तियों से मुक्ति।
- जीवन में सुख-समृद्धि और शांति।
- मनोकामनाओं की पूर्ति।
- अदृश्य शक्तियों से सुरक्षा।
सावधानियां:
- साधना के दौरान पूर्ण स्वच्छता और पवित्रता का पालन करें।
- साधना को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ करें।
- केवल सही उद्देश्य के लिए ही इस साधना का उपयोग करें।
- साधना में किसी भी प्रकार की गलती से बचने के लिए एक योग्य गुरु का मार्गदर्शन लें।
नोट:
माता धूतनी मसानी की साधना अत्यंत शक्तिशाली मानी जाती है। यह साधना सही विधि से की जाए तो शीघ्र फलदायी होती है। अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे साझा करें। जय मां तारा।