महा काल भैरव मंत्र: नकारात्मकता और शत्रुओं से मुक्ति का शक्तिशाली साधन बहुत प्रभावशाली है। इन इलमो को केवल अच्छे कार्य में ही इस्तेमाल करना चाहिए, अन्यथा आपको इसके बुरे परिणाम का सामना खुद ही करना होगा ।महाकाल भैरव मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है जो भगवान महाकाल भैरव को समर्पित है। यह मंत्र नकारात्मकता और शत्रुओं को दूर करने के लिए जाना जाता है। आइए इस मंत्र के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझें।
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Toggleमंत्र का स्वरूप
मंत्र इस प्रकार है:
ॐ अस्य श्री महाकाल भैरव मंत्रस्य विराट छंदः; श्री महाकाल देवता हूं बीजं ह्रीं शक्तिः; स्वाहा कीलकं श्री महाकाल भैरव प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः॥
इसका अर्थ है कि हम महाकाल भैरव को आह्वान कर रहे हैं, जहां “हूं” और “ह्रीं” बीज और शक्ति के रूप में उपयोग किए गए हैं। “स्वाहा” का अर्थ है अर्पण, और “विनियोगः” का अर्थ है कि हम इस मंत्र का जाप महाकाल भैरव को प्रसन्न करने के लिए कर रहे हैं।
ध्यान
मंत्र जाप से पहले ध्यान करना चाहिए, जिससे मन और आत्मा महाकाल भैरव की दिव्य ऊर्जा से जुड़ जाए। ध्यान में उन्हें कुछ इस प्रकार देखा जाता है:
कोटि-कालानल-भासं चतुर्भुजं त्रिलोचनम्।
श्मशानालङ्क-मध्यस्थं मुंडमालं विभूषितम्॥
पंच-प्रेत-रथारूढं त्रिशूलं डमरुं तथा।
खड्गं च कर्परं चैव वाम दक्षिण योगतः॥
विभ्रतं सुंदरं देवं श्मशान-भस्म भूषितम्।
नानाश्वभि क्रीडमानं कालिका-हृदय-स्थितम्॥
लालच्यन्तं रतासक्तं घोर-चुम्बन तत्परम्।
गृध्र-गौमायु संयुक्तं फेदी-गण-संयुतम्॥
जटाजूट शौभाद्यं सर्व शून्यालय-स्थितम्।
सर्व शून्यं मुंड-भूषं प्रसन्न-वदनं शिवम्॥
मंत्र
मुख्य मंत्र इस प्रकार है:
ॐ नमो भगवते महाकाल भैरवाय कालान्तक-तेजसे अमुकं (शत्रु का नाम) मे शत्रुं मारय मारय पोषय पोषय हूं फट् स्वाहा॥
प्रतिदिन एक हजार की संख्या में जप करने से २६ दिन में शत्रु का नाश होता है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति को नकारात्मकता और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है और आध्यात्मिक सुरक्षा प्राप्त होती है।