निम्न लिखित केतु के उपाय बहुत प्रभावशाली है। Tantramantra.in एक विचित्र वेबसाइट है जो की आपके लिए प्राचीन तंत्र मंत्र सिद्धियाँ टोन टोटके पुरे विधि विधान के साथ लाती है. TantraMantra.in कहता है सभी तांत्रिक मित्रों को इन कार्यविधियों को गुरु के मध्य नज़र ही करना चाहिये। तथा इन इलमो को केवल अच्छे कार्य में ही इस्तेमाल करना चाहिए।
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मंत्र
ऊँ केत्वेतन्तु भासयामि, जेनेवाजिनिम्
भौस्वामि गारेयेन्तिम जामोमिम
जसमुतियामि भास्क्रान्ति जडस्वी घुम्रयाणि चन्द्रम्
भारयन्ति तेजस्वी वनस्पतियायाम् करूणा निरमामि
समुद्रादि मथंन नारायण देवाय तदन्थ राहू केतू राक्षसे
राक्षसे बन्स्थ आयामि ओरेस्ट अमृतप्याला
तदन्स्थ नारायणी आयामि देवताओं उध्धारणम्
करिष्यति तदन्तरम् राहु केतू सिरसाम करिष्यति
तदन्स्थ राहु केतू चन्द्र सूर्य भारयामी भारयामि
ज़य केतू बारगी जीवों उध्धारणम् ‘करियेणम्
अपर्णा भजते भजते यूगे यूगे
इति सिद्धम्
केतु ग्रह दोष के लिए केतु के उपाय
निवारण – मिट्टी के घड़े को आधा हिस्सा करके और उसकोधरती में गाड़ दो घड़े का हिस्सा साफ तौर से सीधा और बराबर होना चाहिए और जहाँ कही भी घड़े को धरती में गाड़ों उस जगह में ‘गड्डा करो और घड़े नीचे छेद करो और रोजाना सुबह अपने ऊपर सात बार उतार कर दूध चढ़ाओ सवा सौ ग्राम दूध चढ़ाओ और फिर उससे है तुरन्त अलग हो जाओ पीछे हट कर न देखो। घड़े में छेद इस तरह होना चाहिए जिससे जो दूध चढ़ाओ वह दूध छेद के द्वारा जमीन में चला जाय। सवा महीना दूध चढ़ाना है, ऐसी जगह घड़े के हिस्से को गाडना है जहाँ पर मनुष्य पशु बगैरा न जा सके , ऐसा करने से केतु की दशा समाप्त हो जायेगी।
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